फूर्इ!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] फूर्इ- फफूंद (फूर्इ या फफूंद वाला अन्न अभक्ष्य है)। Phui- Mould, Fungus
[[श्रेणी:शब्दकोष]] फूर्इ- फफूंद (फूर्इ या फफूंद वाला अन्न अभक्ष्य है)। Phui- Mould, Fungus
आनयन Ordering, Ordering someone to bring something from outside of his mental resolve. किसी वस्तु को मांगना गुणव्रत का पहला अतिचार-नियम लिए हुए स्थान के बाहर के कुछ मंगाना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संक्षेप दर्शनार्य – Sanksepa Darshanaarya. A kind of noble persons having ability to apprehend right perception by brief exposition only. दर्शनार्य के 10 भेदों में एक भेद; पदार्थों के संक्षिप्त कथन से ही सम्यग्दर्शन को प्राप्त होने वाले जीव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बंधु- भई इत्यादि; सांसारिक बंधनों के निमित्तभमत व्यक्ति, ये सुख-दुख दोनों के कारण होते है। Bandhu- Relative or attached one
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष ]] == ध्यान : == मोक्ष: कर्मक्षयादेव, स चात्मज्ञानतो भवेत्। ध्यानसाध्यं मतं तच्च, तद्ध्यानं हिममात्मन:।। —योगशास्त्र : ४-११३ कर्म के क्षय से मोक्ष होता है, आत्मज्ञान से कर्म का क्षय होता है और ध्यान से आत्मज्ञान से कर्म का क्षय होता है और ध्यान से आत्मज्ञान प्राप्त होता है। अत: ध्यान…
दक्षिणायन Period of the movement of the sun towards the south of equator (period between summer and winter solstices). सूर्य का ‘आदि ’ में पाया जाने वाला अयन दक्षिणायन एंव ‘अंन्त’ में पाये जाने वाला अयन उत्तरायन कहलाता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बंधहेतु- मिथ्यादर्शन, अविरति, प्रमाद, कषाय, और योग ये समस्त बन्ध हेतु अर्थात् बन्ध के कारण है। Bandhahetu- Causes (different type of nature) of binding of karmas
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषम द्रष्टांत – Vishama Drstamta. An odd example of an event. जो दार्ष्टान्तिक के सदृश न हो उसे विषम द्रष्टांत कहते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रेक्षा ध्यान- ध्यान का एक भेद; श्वास अदि को देखते हुए ध्यान करना। Preksa Dhyana- perceptional meditation
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्यमित्र – Satyamitra. Name of the 41st chief disciple of Lord Risabhdev. भगवान ऋषभदेव के 41वें गणधर “