लाट!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लाट – गुजरात के प्राचीन काल मे तीन भाग थे। उसमें से गुजरात का मध्य व दक्षिण भाग लाट कहलाता था। Lata-South and middle part of Gujrat state (of ancient time)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लाट – गुजरात के प्राचीन काल मे तीन भाग थे। उसमें से गुजरात का मध्य व दक्षिण भाग लाट कहलाता था। Lata-South and middle part of Gujrat state (of ancient time)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पानी छानना- Pani Chanana. Filtration of water with cloth. जलगालन . जैन विधि के अनुसार, जब कपड़े का मोटा छत्रा दोहरा करके उससे पानी छाना जाता है, तब वह जीवरहित शुद्ध जल होता है तथा छत्रे की जीवनी करने की भी विशेष विधि होती है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निदान-भोगों की तृष्णा से पीडित होकर रातदिन आगामी भोगों को प्राप्त करने की ही चिन्ता करते रहना निदानज नामक आर्त्तध्यान है”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य उपधि – Bahya Upadhi. Alien – belonging (material articles). बाह्य परिग्रह,आत्मा से एकत्व को नहीं प्राप्त हुए ऐसे क्षेत्र, वास्तु, धन आदि बाह्य उपधि हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पात्रदत्ति:To offer food to Jaina with reverential and prescribed procedure.महातपस्वी मुनियो, आर्यिकाओ आदि सुपात्रो के लिए सत्कार पूर्वक पड़गाहन कर जो आहार आदि दिया जाता है उसे पात्रदति कहते है। इससे स्वर्ग एवं भोगभूमि आदि के सुख मिलते है।
आदिपुरुष The first supreme soul of this age, Lord Adinath. अवसर्पिणी काल की कर्मभूमि के आदि नेता आदिनाथ भगवान प्रथम तीर्थंकर।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ईश्वर God, Lord. अनंतज्ञानादि परम ऐश्वर्य को प्राप्त करने वाले अर्हन्त और सिद्ध परमात्मा।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आहार वर्गणा Physique making Karmic nature causing complete formation of the body. देखें-आहारक वर्गणा।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पांडुर :Protecting deity of the south ksheevardvip island, A deity of Kundal mountain. दक्षिण क्षीरवर द्वीप का रक्षक देव, कुण्डल पर्वत स्थित हितवतकूट का स्वामी नागेन्द्र देव।
उत्तरेन्द्र Name of Indras. भवनवासी व्यंतर देवों के दो-दो इन्द्रों में दूसरे नवम्बर का इन्द्र एंव 16 स्वर्गों के 12 इन्द्रों में दूसरे नवम्बर का इन्द्र।[[श्रेणी:शब्दकोष]]