स्वभाव अनित्य नय!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वभाव अनित्य नय – Svabhaava Anitya Naya. A standpoint related to non-eternity in pure nature.सत्तगौण उत्पादध्ययग्राहक स्वभाव अनित्य शुद्व पर्या
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वभाव अनित्य नय – Svabhaava Anitya Naya. A standpoint related to non-eternity in pure nature.सत्तगौण उत्पादध्ययग्राहक स्वभाव अनित्य शुद्व पर्या
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वपर चतुष्टय – Svapara Catustaya. Quartel of the properties of matter (in relation to Dravya, Kshetra, Kal, Bhav) related to self & others.द्रव्य का अपना द्रव्य-क्षेत्र-काल-भाव स्वचतुष्टय एवं इतर द्रव्य-क्षेत्र-काल-भाव परचतुष्टय कहलाता है। इसकी अपेक्षा ही वस्तु मे अस्तिनास्ति, भेदाभेदपना पाया जाता है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भदेय – Bhadeya. Name of a mountain of Bharat Kshetra Arya Khand (region). भरतक्षेत्र आर्य खण्ड का एक पर्वत “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वतत्त्व – Svatattva. Real nature of the soul.जीव के निज भाव-औपशमिक, क्षायिक, क्षायोपशमिक, औदयिक और पारिणमिक भाव।
जयद्रथ Name of a warrior (related to Mahabharat). ज़रासंघ का एक योद्धा , इसने अभिमन्यु का वध किया था ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जयधवला A book written by Acharya Yativrishabh. आचार्य यतिवृषभ(ई. १५०-१८०) कृत कषायपाहुड़ ग्रन्थ की ६०,००० श्लोक प्रमाण विस्तृत टीका है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्यादस्ति अवक्तव्य – Syaadasti Avaktavya. The 5th Bhang of saptabhangi-exposition of the nature of the substance in the expects of affirmation & indescribability.संप्तभंगी का 5 वां भंग-किसी अपेक्षा से है और किसी अपेक्षा से अवक्तव्य है अर्थात् स्वचतुष्टय (द्रव्य, क्षेत्र, काल, भाव) की अपेक्षा द्रव्य कथंचित् आस्ति रुप है और वही द्रव्य स्व एवं…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनोरम्य – Manoramya. Name of a king of Rakshas dynasty. राक्षसवंशी एक राजा , राजा महाबाहु के पश्चात लंका का स्वामित्व इसे ही प्राप्त हुआ था “
जटामुकुट Crown of matted and braided type of hair (pertaining to idols). प्रतिमाओं का लक्षण ‘ जटा मुकुट धारण न करना मोह के अभाव का प्रतीक है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]