नाभिकमल!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नाभिकमल – Nabhikamala Navel place, the center point of all Mantras (mystic words) नाभि जहाँ से मंत्रो के उच्चारण को बताया गया है, नाभि स्थान; पदस्थ ध्यान मंत्रो के स्थान योग्य 10 स्थानों में एक स्थान ”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नाभिकमल – Nabhikamala Navel place, the center point of all Mantras (mystic words) नाभि जहाँ से मंत्रो के उच्चारण को बताया गया है, नाभि स्थान; पदस्थ ध्यान मंत्रो के स्थान योग्य 10 स्थानों में एक स्थान ”
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == मुधाजीवी : == दुर्लभा तु मुधादायिन:, मुधाजीविनोऽपि दुर्लभा:। मुधादायिन: मुधाजीविन:, द्वावपि गच्छत: सुगतिम्।। —समणसुत्त : ४०४ मुधादायी—निष्प्रयोजन देने वाले दुर्लभ हैं और मुधाजीवी—भिक्षा पर जीवनयापन करने वाले भी दुर्लभ हैं। मुधादायी और मुधाजीवी, दोनों ही साक्षात् या परम्परा से सुगति या मोक्ष प्राप्त करते हैं।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नागोजी भट्ट – Nagoji Bhatta Name of the Commentator, the promoter of Yoga philosophy. योगदर्शन के साहित्यक प्रवर्तक (ई.श.17), इन्होंने छाया व्याख्या नमक टिकाएँ लिखी ”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भिण्डिमाला – Bhindimala. Name of a weapon of the era of Ram. राम के समय का एक शस्त्र “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विश्वनंदि – Vishvnamdi. Name of a Bhattarak of Nadi group, Past-birth name of the 2nd Narayan, Triprishtha who be-came Lord Mahavira after some next births. नंदिसंघ बलात्कारगण उज्जयिनी गद्दी के एक भट्टारक ” अपरनाम विष्णुनंदि ” समय – वि.सं. – ७०४ ” नारायण त्रिपृष्ट के दूसरे पूर्व भव का नाम ” यही…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बादर सांपरायिक बंधक- निक्षेप की अपेक्षा बंधक का एक भेद। Badara Samparayika Bamdhaka- A type of karmic binder
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मौन–Maun. To keep silent or mum, externally or internally. मूकभाव अर्थात् बाहा की वचन प्रवृत्ति को भी पूर्ण रूप से छोड़ देना”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संघात – Sanghaata. Aggregate, Collection, A type of Shrutgyan (scriptual knowledge) related to wholesome increase of knowledge. समूह, जमाव, श्रुतज्ञान के 20 भेदों में 7वां भेद; एक-एक पद के अक्षर की वृद्धि के क्रम से संख्यात हजार पदों के बढ़ जाने पर यह संघात श्रुतज्ञान होता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बादर दोष- साधु संबंधी आहार के एक दोष प्राभृत का उपभेद; दिन, महीना आदि को बदलकर आहार दान देना। Badara dosha- A fault of food related to Jaina saint
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संग्रह कृष्टि – Sangraha Krshti. A kind of gradual destruction of passions. कृष्टियों के अनेक भेदों में एक भेद ” क्रोधादि संज्वलन कषायों की जो 12,9,6 और 3 कृष्टियां होती है वे ही संग्रह कृष्टियां हैं ” पुनः इस एक-एक संग्रह कृष्टि की अंतर कृष्टियां अनंत होती हैं ” क्योंकि अनंत कृष्टियों के समूह…