मूर्ति!
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूर्ति–Muurti. Lord idol, An Image. स्थापना निक्षेप से किसी का स्वरुप समझने के लिए उसकी तदाकार मूर्ति बनाना”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूर्ति–Muurti. Lord idol, An Image. स्थापना निक्षेप से किसी का स्वरुप समझने के लिए उसकी तदाकार मूर्ति बनाना”
दोष Faults. त्रुटि , कमी, रागद्वेष आदि 18 दोष; अरिहंट परमात्मा इनसे रहित होते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बुद्धेशभवनव्याख्यान – Buddhesabhavanavyakhyana. Name of a treatise written by Acharya Vidynandi. आचार्य विधानदिं (ई. ७७५ -८४० ) कृत एक ग्रंथ “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सत्पुरुष : == दट्ठूण अण्णदोसं, सप्पुरिसो लज्जिओ सयं होइ। —भगवती आराधना : ३७२ सत्पुरुष दूसरे के दोष देखकर स्वयं में लज्जा का अनुभव करता है। (वह कभी उन्हें अपने मुंह से नहीं कह पाता)।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिमा स्थान – Pratimaa Sthaana. Different kinds of austerities related to particular places. कायक्लेश तप; आतापनयोग, वृक्ष मूल में निवास, निवारण शयन आदि नाना प्रकार के कायक्लेश “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिभूत – Pratibhoota. A type of peripatetic deities. भूत जाति के वयन्तर देवों का एक भेद “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूति – Bhuti. Name of the 24th chief disciple of Lord Rishabhadev. भगवान वृषभदेव के ८४ गणधरों में २४ वें गणधर का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिबुद्धता – Pratibuddhataa. Discriminative knowledge. प्रत्येक क्षण व लव में होने वाले प्रतिबोध (ज्ञान) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिपाती – Pratipaatee. One falling from the stage of right conduct. सम्यकचारित्र से भ्रष्ट होकर असंयम में आने वाला “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिघकर्म – Pratighakarma. Removing obstruction or resistance. अनुयोग की निरुक्तिमें प्रयुक्त 5 दृष्टान्तों में एक-जैसे लकड़ी से किसी वस्तु को तैयार करने के लिए उसके निरुपयोगी भाग को छांटकर निकाल देना (अपरनाम-प्रतिघात कर्म) “