परस्पराभाव!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परस्पराभाव:Mutual non-existence of matters.एक द्रव्य में दूसरे द्रव्य का अभाव होना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परस्पराभाव:Mutual non-existence of matters.एक द्रव्य में दूसरे द्रव्य का अभाव होना।
तदाहृतादान Purchasing of stolen materials. अचैर्याणुवृत का एक अतिचार, चोर से चोरी का माल खरीदना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रिधाकरण Three divisions of wrong (false) Karmas. मिथ्यात्व के तीन खंड करने की विधि को त्रिधाकरण कहते हैं मिथ्यात्व , सम्यक्मिथ्यात्व, सम्यक्प्रकृति। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
टंकोत्कीर्ण Something engraved, An adjective word for pure soul. टाँकी से उत्कीर्ण अक्षर, चित्र आदि। आत्मा के ज्ञायक स्वभाव को टंकोत्कीर्ण के समान कहा है। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर नामकर्म – Shareera Naamkarma. Physique making Karmic nature causing formation of complete body. जिसके उदय से औदारिक आदि शरीर की रचना हो “
तत्वरूचि Reverence with interest for tattvas. सम्यग्दर्शन तत्व श्रद्धान या ततवों के प्रति रूचि होना। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
उद्योत Cold effulgence, Radiance, Lustre. चन्द्रमा मणि (चन्द्रकांत मणि) जुगनू आदि के निमित्त से जो प्रकाश पैदा होता है। उसे उद्योत कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आनर्थक्य Unnecessary, Unnecessary possession of things. अनावश्यक भोग-उपभोग के लिए आवश्यकता से अधिक वस्तु रखना (भोगोपभोग परिमाण व्रत का एक अतिचार)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चन्द्रनखा Preceptor of Bhagvati Aradhanakar Shivarya, Preceptor of Kumarnandi. रत्नश्रवा की पुत्री और रावण की बहन जिसने रावण की मृत्यु पर दीक्षा धारण की ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]