स्यात्!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्यात् – Syaat. Possibly, perhaps.कथंचित्-किसी अपेक्षा से।
जघन्य संख्यात A mathematical number. एक में एक का भाग देने या गुणा करने में हानिवृद्धि नहीं होती इसलिए कघन्य संख्यात का अंक २ है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जघन्य अजघन्य The lowest (minimum) and the other than lowest. सबसे छोटा पद जघन्य एवं जघन्य से आगे के सभी विकल्प अर्थात् जघन्य से भिन्न सब भेद अजघन्य स्वरुप हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उत्तरित An infraction of meditative relaxation (standing with head upwords). कायोत्सर्ग का एक अतिचार सिर को ऊपर उठाकर खड़े होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तत्वर्णिनीषु One who wants to determine the truth. जो च को ज्ञात करना चहाता है। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
जघन्य परीतानंत A mathematical term of infinite measure. जघन्य असंख्यातासंख्यात को तीन बार वर्गित संवार्गित करके उसमें द्रव यों के प्रदेशों आदि रूप में कुछ राशियाँ जोड़ना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
णमोंकार मंत्र ‘‘Namo Arihantanam, Namo Siddhanam, Namo Ayariyanam, Namo Uvajjhayanam, Namo Loe Savvasahunam.’’ It is an omnipotent Mantra (an assemblage of super auspicious mystic words) of Jaina religion. णमो अरिहंताणं, णमों सिद्धाणं, णमोआयरियणं, णमो उवज्झायाणं, णमों लोएसव्व्साहूणं यह जैन शासन का मूलमंत्र (सर्वशक्तिमान मंत्र) है , जिसमें परमेष्ष्ठियों अर्थात् अरहन्त, सिद्ध, आचार्य , उपाध्याय, और…
जंबूस्वामी The last omniscient of the present age. भाग वान महावीर के पश्र्चात् अंतिम एवं तिर्तीय अनुबद्ध केवली (ई.पू. ५०३-४६५), ये राजगृही में जन्मे एवं मथुरा से मोक्ष प्राप्त किया ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]