दुःखमा काल!
दुःखमा काल See – Du¼amå Kåla. देखें – दुषमा काल।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्तेयानंद – Steyanamda. To feel pleasure in theft.रौद्रध्यान के 4 भेदो मे एक भेद, चैर्यानंद। प्रमादपूर्वक दूसरे के धन को बलात् हरने का अभिप्राय रखना या उसमे हर्षित होना।
दीक्षा Initiation, Consecration for a religious ceremony, an act of undertaking religious observances. वैराग्य की उत्तम भूमिका को प्राप्त होकर अपने सब सगे संबधियों से क्षमा मांगकर गुरू की शरण में जाकर संपूर्ण परिग्रह का त्याग कर देना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चित्रगुप्त Name of the 17th predestined Tirthankar (Jaina-Lord). भावी सत्रहवें तीर्थंकर का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
दिव्यपाद Name of 23rd predestined Tirthankar (Jaina-Lord). जम्बूद्वीप भरतक्षेत्र में स्थित 23 वें भाविकालीन तीर्थंकर का नाम (हरिवंशपुराण के आधार पर ) दूसरे ग्रंथों में इनका नाम देवपाल है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चित्रकूट Name of a city, A city in the south of Vijayardh mountain. एक शहर का नाम , विजयार्द्क की दक्षिण श्रेणी का एक नगर ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
दामनंदि Disciple of Sarvachandra and spiritual teacher of Veernandi. ई. 943-973 में सर्वचन्द्र के शिष्य और वीरनन्दि के गुरू थे। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शून्यागारावास – Shunyaagaaraavaasa. One of the 5 temprements of the vow of nonstealing (staying in peaceful & solitude place like caves etc.). अचौर्यव्रत की 5 भावनाओं में पहली भावना; सूने घर व स्वभाव से शून्य पर्वत की गुफा व वृक्ष की कोटर आदि में निवास करना शुन्यकारावास कहलाता है “
दशांग भोग 10 types of enjoyments related to food, sleeping etc. 10 प्रकार के भोग-भजन, भोजन, शयया, सेना,यान, आसन, निधि, रत्न, नगर और नाट्य।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]