प्रलय!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रलय- विनाष, सृश्टि विनाष। अवसर्पिणी काल में छठें-दुखमा काल के उनचास दिन कम इक्कीस हजार वर्शो के बीत जाने पर जंतुओं को भयदायक घोर प्रलयकाल प्रवृत्ती होता है। Pralaya- Dissolution of the world, disaster, catastrophe
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रलय- विनाष, सृश्टि विनाष। अवसर्पिणी काल में छठें-दुखमा काल के उनचास दिन कम इक्कीस हजार वर्शो के बीत जाने पर जंतुओं को भयदायक घोर प्रलयकाल प्रवृत्ती होता है। Pralaya- Dissolution of the world, disaster, catastrophe
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव संयोगपद – Bhava Samyogapada. Compound words showing passions. पद का एक भेद; क्रोधी, मानी, मायावी और लोभी इत्यादि नाम जो भावों के निमित्त से व्यवहार में आते हैं “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूल–Mula. Name of a lunar, Original, Real, Basic. एक नक्षत्र, मुख्य, जड़, वास्तविक.
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमार्जित- पिच्छी आदि कोमल उपकरण से साफ की हुई भूमि आदि। Pramarjita- Carefully purified place, body etc
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्यदत्त – Satyadatta. One of the 32 principles of modesty or courtesy, Name of the main listener in the assembely of Lord Dharmnath. एक विनयवादी, विनयवादियों के 32 भेदों में एक भेद, तीर्थंकर धर्मनाथ का मुख्य श्रोता या प्रश्नकर्ता “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्येक भंग- जहां अलग-अलग भाव हो वह प्रत्येक भंग है। pratyeka bhamga – each part, different feelings.
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्येक पद- जो भ्ज्ञाव एक जीव के एक काल में यगपत संभव हो ऐसे भाव प्रत्येक पद कहलाते है। pratyeka pada – feelings simultaneously existing of one in a praticular time period
उदासीन कारण Reasons of passiveness and neutrality. ऐसे कारण जो प्रेरक न हो जैसे धर्म अधर्म आदि द्रव्य जीव पुद्गल की क्रिया में उदासीन कारण हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमदा- प्रमाद की बहुलवा से स्त्रियों को प्रमदा कहते हैं, समवषरण की नाट्यषाला। Pramada- Lustful women, Name of a stage of drama in Samavasharan- assembly of Lord