निश्चय तप!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय तप – Nishchaya Tapa. Absolute austerity (completely engrossed into oneself). मुनि अवस्था में निज स्वरुप में परिणमन होना अर्थात् समस्त परद्रव्य की इच्छा को रोकना निश्चय तपश्चरण है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय तप – Nishchaya Tapa. Absolute austerity (completely engrossed into oneself). मुनि अवस्था में निज स्वरुप में परिणमन होना अर्थात् समस्त परद्रव्य की इच्छा को रोकना निश्चय तपश्चरण है “
उत्तर प्रत्यय Subsidiary conditions. प्रत्यय आस्रव को कहते हैं मिथ्यात्व अविरति कषाय योग के उत्तर भेद 57 को उत्तर प्रत्यय कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लौकिक –Laukika : Worldly behaviour ,knowledge etc. व्यवहारिक (व्यवहार में प्रयुक्त होने वाला ज्ञान क्रिया आदि).
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चयक्षमा – Nishchayaksamaa. Absolute liberal conduct, free from agitation on other’s misconduct. साधुओं आदि को दुष्टजनद्वारा गाली-गलौच, उपहास, तिरस्कार आदि करने पर भी उनके मन में कलुषता का उत्पन्न होना व्यवहार क्षमा है तथा क्रोध के अभाव में आत्मा में तन्मयता का होना निश्चय क्षमा है “
उपादान कारण(शाश्वत) Affluent cause (eternal). सत्य व अमर उपादान कारण।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शांत कषाय – Shanta Kashaaya. Subsided passion. उपशांत कषाय “
उपस्थापना An expiation, Reinitiation . प्रायश्चित किसी साधु का ऐसा अपराध हो जिससे उसकी दीक्षा छेदकर पुनः दीक्षा दी जाये।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मलोक – Brahmaloka. An upper world (the 5th heaven). ५ वां स्वर्ग, लौकांतिक देवों की निवास भूमि “
उत्तरप्रकृति Secondary karmic nature, Secondary species (of Karmas). मूल कर्म 8 हैं उनकी भेदरूप 184 कर्म प्रकृतियाँ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]