जयवंत!
जयवंत The writer of ‘Tattvarth Balbodh’. तत्त्वार्थ बालबोध के कर्ता ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जयवंत The writer of ‘Tattvarth Balbodh’. तत्त्वार्थ बालबोध के कर्ता ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्व-अहिंसा – Sra – Ahimsaa. Pure nature of soul.जीव का शुद्व स्वभाव की स्वअहिंसा है।
जयवराह A king of Saurashtra. पश्र्चिम में सौराष्ट्र देश का राजा (ई. ७७८-८०३)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्यादस्ति नास्ति अवक्तव्य – Syaadasti Naasti Avaktavya. The 7th Bhang of saptbhangi-expostion of the nature of the substance in the aspects of affimation, negation & indescribability.सप्तभंगी मे 7वां। स्वद्रव्य, चतुष्टय (द्रव्य, क्षेत्र, काल, भाव) की अपेक्षा से द्रव्य कथंचित् अस्तिरुप है, परद्रव्य चतुष्टय की अपेक्षा से वही द्रव्य कथंचित् नास्तिरुप है और दोने की…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्यधर्म – Satyadharma. One of the 10 particular religious observances- to speak truly. दशलक्षण धर्मों में एक धर्म ” जो मुनि दुसरे को क्लेश पहुंचाने वाले वचनों को छोड़कर अपने और दुसरे का हित करने वाले वचन कहता है उसके सत्यधर्म होता है ” अथवा सज्जन पुरुषों के साथ श्रेष्ठ वचन बोलना सत्य धर्म…
जटासिंहनन्दि Name of an Acharya, the writer of ‘Varanga Charitra’ वरांग चारित्र के रचयिता एक आचार्य ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्याच्छुद्व – Syaacchuddha. Exposition of soul in the aspect of consiousness. केवलज्ञान अर्थात् स्वभाव प्राप्ति की अपेक्षा जीव का कथन।
जप Counting silently the beads of rosary with meditation (chanting mystic words). ध्यान करना या मन्त्रों का स्मरण करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जन्म Birth, Incarnation of soul. जीव के नवीन शरीर की उत्पत्ति होना जन्म कहलाता है . गर्भ , सम्मूर्छन उत्पाद के भेद से जन्म ३ प्रकार का होता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]