रूचि!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूचि – अभिरूचि, प्रेम, तत्वार्थ के विशय में तन्मयपना। Ruci-Interest, devotion, spiritual, Attachment
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूचि – अभिरूचि, प्रेम, तत्वार्थ के विशय में तन्मयपना। Ruci-Interest, devotion, spiritual, Attachment
उपस्थापना An expiation, Reinitiation . प्रायश्चित किसी साधु का ऐसा अपराध हो जिससे उसकी दीक्षा छेदकर पुनः दीक्षा दी जाये।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राजधानी – किसी राज्य या देष की प्रधान नगरी जहां से षासन व्यवस्था का संचालन किया जाता है। Rajadhani-capital city of army state or country
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकोत्तर शुचित्व –Lokottara Shuchitva Absolute purity of the soul . कर्ममल –कलंक को छोड़कर आत्मा का आत्मा में ही अवस्थान लोकोत्तर शुचित्व है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वृत्ति इंद्रिय – Nirvrtti Indriya. Formative sense (reg. organic structure of any matter.) द्रव्येन्द्रिय; इंद्रियों के आकाररूप शुद्ध आत्म प्रदेशों का होना आभ्यन्तर एवं पुदगलों का इंद्रियों के आकार रूप होना बाह्य निवृत्ति है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] यशोदेव – यषास्तिलकचम्पू के कत्र्ता सोमदेव के दादा गूरू और नेमिदेव के गुरू। समय ई – 918 – 943। Yasodeva-The writer of Yashastilakchampu
उत्तिंग Very tender worms. अति सुकुमार ईलि कृमि को उत्तिंग कहते है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]