वैदिश!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैदिश –Vaidisa. Old name of the present Vidisha (a city) in Madhya Pradesh वर्तमान भेलसा या विदिशा “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैदिश –Vaidisa. Old name of the present Vidisha (a city) in Madhya Pradesh वर्तमान भेलसा या विदिशा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लंगल – सनत्कुमार स्वर्ग का 5 वां पटल या इन्द्रक, बलभद्र राम का एक हल रत्न। Lamgala-The 5th patal (Layer) of Sanat Kumar heaven, Name of a plough-a jewel of Lord Ram
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैमानिक देव –VAimanika Deva. Heavenly or celestial deities. सोलह स्वर्ग के निवासी देव ” जो विमानों से उत्पन्न होते है वे वैमानिक कहलाते हैं ” कल्पवासी और क्ल्पतित इनके २ भेद है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सकल परमात्मा – Sakala Parmaatmaa. The supreme soul with body (devoid of all Karmas). घातिया कर्मों से रहित परमौदारिक शरीर में स्थित अर्हन्त परमात्मा
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वप्न निमित ज्ञान – Svapna Nimitta Jnnaana. Knowledge caused due to dreams.स्वप्न के माध्यम से शुभशुभ को जान लेना स्वप्न निमित ज्ञान कहलाता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्पात्र – Satpaatra. Reverential persons (perfect to get donation). जिनको दान दिया जाता है, ऐसे सत्पात्र, कुपात्र, अपात्र रूप तीन पात्रों में से एक ” सत्पात्र के तीन भेद हैं- 1. उत्तम सत्पात्र- नग्न दिगम्बर साधु, 2. मध्यम सत्पात्र- आर्यिका, क्षुल्लक, ऐलक तथा प्रतिमाधारी श्रावक, 3. जघन्य सत्पात्र- व्रत रहित सम्यग्दृष्टि श्रावक “
जिनस्तुतिशतक Religious hymns written by Acharya Samant-bhadra and by Acharya Vasunandi. आचार्य समन्तभद्र (ई.श.२) एवं आचार्य वसुनन्दि (ई. १०४३-१०५३) कृत इस नाम के अलग-अलग स्तोत्र । ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वदार संतोष – Svadaara Sanntosa. Satisfaction with own wife.अपनी विवाहित स्त्री मे ही संतुष्ट रहना और शेष स्त्रियो के प्रति माता, बहन, पुत्रीवत् निर्मल भाव रखना। इसे ब्रह्मचर्याणुव्रत भी कहते है।
जयमित्रहल Name of the writer of ‘Mallivah Kavva’. अपभ्रंश कवि , ‘ मल्लीवाह कव्व ‘ के रचयिता ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]