विद्युत!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विद्युत – Vidyuta. Electricity, light. बिजली, प्रकाश “
जयमित्रहल Name of the writer of ‘Mallivah Kavva’. अपभ्रंश कवि , ‘ मल्लीवाह कव्व ‘ के रचयिता ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वचारित्र – Svacaaritra. Super right conduct.स्वरुपाचरण चारित्र अथवा वीतराग चारित्र का अपरनाम। 7वे गुणस्थान के अंत से इस चारित्र का प्रारम्भीकरण होता है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकृति अघाती – Prakrti Aghati. A type of karmic nature. कर्म प्रक्रति का एक भेद; जो प्रतिजिवी गुणों का घात करती हैं वह अघाती कर्म प्रक्रतियां कहलाती हैं “
जयवान् Name of the 5th saint among 7 particular saints (Saptarishis). सप्तऋषियों में ५वें ऋषि।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्याद्वादचंद्रिका टीका – Syaadvaadav Camdrikaa Tikaa.See- Niyamasaara Praabhrta.देखे- नियमसार प्राभृत।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विवेचन – Vivechana. Thorough investigation, Meaningful description or exposition of treatise. कथन, व्याख्यान, वर्णन, शास्त्रों के कथन करने की पध्दति का कथन करना “
जन्मसंस्कार क्रियामंत्र Rituals for birth ceremony. एक गर्भाधान क्रिया ‘जन्म संस्कार’ के मंत्र ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्यादनेक प्रदेषत्व – Syaadanekatva Pradessatva. A matter with different dispositions (in some aspect).भेद कल्पना सापेक्ष अशुद्व द्रव्यार्थिक नय की अपेक्षा से एक ही द्रव्य मे अनेक प्रदेषो की उपलब्धि होना। धर्म, अधर्म, आकाश और जीवद्रव्य के अनेक या नाना प्रदेश स्वभाव है।
त्रिकाल वंदना Act of paying reverence three times a day. पूर्वाह्न, मध्याह्न, व अपराह्न , में की जाने वाली सामायिक। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]