विभक्ति!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभक्ति – Vibhakti. Division, classification. विभाग करने को विभक्ति कहते है ” विभक्ति, भेद, प्रथग्भाव एकार्थवाची शब्द हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभक्ति – Vibhakti. Division, classification. विभाग करने को विभक्ति कहते है ” विभक्ति, भेद, प्रथग्भाव एकार्थवाची शब्द हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव प्रमाण – Bhava Pramana. Internally standard evaluation of something. भाव प्रमाण अर्थात् ज्ञान – दर्शन उपयोग ” वह जघन्य सूक्ष्म निगोदिया के, उत्क्रृष्ट केवली के, और मध्यम अन्य जीवों के होता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्माणरजस् – Nirmaanarajas. A heavenly deity (Laukantik Deva). एक लौकान्तिक देव “
तत्वार्थभावना Thinking of ascertained reals. ध्यानशुद्धि की हेतु भूत ज्ञानशुद्धि में सहायक चिंतन[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आसादन Death of demoralized saints. ज्ञानवरणीय- दर्शनावरणीय कर्म के आस्रव का कारण जो ज्ञान का प्रकाश कर रहा है। तब शरीर या वचन से उसका निषेध करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य द्रव्यमल – Bahya Dravyamala. Excreting materials of the body. स्वेद , मल , रेणु , कर्दम इत्यादि बाह्य द्रव्यम्ल कहलाते है “
तत्वशक्ति Power of nature of an element. वस्तु के स्वभाव को तत्व कहते हैं वही तत्व शक्ति भी कहलाती है। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुवसु – Suvashu Name of a king of kuru dynasty. कुरूवंशी एक राजा । यह राजा वसु का 9 वाँ पुत्र था ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूतग्राही नय – Bhutagrahi Naya. Standpoint showing knowledge of past. नय; जिसके अनुसार जन्म से १५ कर्मभूमियों में और संहरण की अपेक्षा सर्व मनुष्य क्षेत्र से सिध्दी होती है ” अर्थात् भूतकाल को ग्रहण करके कथन करने वाला नय “