बंध उत्सरण!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बंध उत्सरण -बंध का उत्कर्षण (बढ़ना) होना । BandhaUtsarana- Bond progression.
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बंध उत्सरण -बंध का उत्कर्षण (बढ़ना) होना । BandhaUtsarana- Bond progression.
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रेणीचारण ऋद्धि – Shreneechaarana Riddhi. A type of super natural power related to the careful walking over smoke, fire etc. एक चारण ऋद्धि जिसके प्रभाव से धूम, अग्नि पर्वत और वृक्ष के तन्तु समूह पर से ऊपर चढ़ने की शक्ति प्राप्त होती है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैद्यसार –Vaidyasara Name of an Ayurvedic book written by AcharyaPujyapad. आचर्य पूज्यपाद (ई. श. ५) कृत आयुर्वेद विषयक एक संस्कृत ग्रंथ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतपंचमी क्रिया – Shrutapanchmee Kriyaa. A religious devotional procedure of eulogy. ज्येष्ठ शु. 5 को श्रुतपंचमी कहते हैं ” इस दिन सभी साधु बृहत् सिद्ध भक्ति और बृहत् श्रुत भक्ति पढ़कर श्रुतस्कंध की स्थापना करके श्री इंद्रनंदि आचार्य विरचित श्रुतावतार का उपदेश देने के अनन्तर बृहत् श्रुत भक्ति व बृहत् आचार्य भक्ति पढ़कर स्वाध्याय…
देवपूजक A worshipper of Lord Arihant. जिनेन्द्र देव की पूजा करने वाला।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
आनंदबोध Name of a writer of ‘Nyay Makarand’ & ‘Nyay Deepavali’ treatises. ई.श. 11-12 के एक साहित्य प्रवर्तक जिन्होंने न्याय मकरन्द और न्याय दीपावली की रचना की।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उद्योत नामकर्म प्रकृति A karmic nature causing effulgence (lustrous) body. जिसके निमित्त से शरीर में उद्योत होता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीराधावल्लभ – Shree Raadhaavallabha. Name of a sect of Vaishnav phillosophy. वैष्णव दर्शन के शक्तिसंग तंत्र के अनुसार 10 भेदों में दूसरा भेद ” इस संप्रदाय के आदिप्रवर्तक 1503 ई. में हरिवंश गोस्वामी हुए ” ये लोग जप, तप आदि में संलग्न रहते है “
आत्मसंबोधन A book written by ‘Gyanbhooshanaji’. ज्ञानभूषण जी (ई. सन् 1443-1505) द्वारा रचित अध्यात्म विषयक एक ग्रंथ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
थानक पंथी / थानकवासी A shvetambar Jain sect. श्वेताम्बर जैन पंथ, ये प्रतिमा को नहीं पूजते हैं, साधु वस्त्र एंव मुह पर पट्टी रखते हैं । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]