रविनंदि!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रविनंदि – शट्खण्ड आगम के ज्ञाता, बप्पदेव के षिक्षा गूरू एक आचार्य। Ravinandi-Name of an acharya
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रविनंदि – शट्खण्ड आगम के ज्ञाता, बप्पदेव के षिक्षा गूरू एक आचार्य। Ravinandi-Name of an acharya
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वज्रा पृथिवी –Vajraa Prithivii: An earth of middle universe. मध्यलोक की एक पृथिवी “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नैष्कर्म्य – Naishkarmya. Name of a book written by Sureshvar. वेदांत साहित्य प्रवर्तक सुरेश्वर (ई. 820) का एक ग्रंथ “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बुध – Budha. Name of a planet , The great learned one. एक ग्रह, यथास्थित वस्तु तत्त्व को सार व असार के विषय विभाग की विचारणा के द्वारा जो जानते हैं वे बुध हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नैःषड्यभावना – Naihshgyabhaavanaa. Feeling of unattachment. पंचेन्द्रिय सम्बंधी सचित्त और अचित्त विषयों में अनासक्ति ” ये दो प्रकार की होती है – बाह्य और आभ्यंतर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूपस्थ ध्यान – समवषरण में स्थित अरहंत भगवान का ध्यान करना। Rupastha Dhyana-Deeply engrossment in the form of lord Arihant
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वज्रकांड – Vajrakaand : Name of the bow of Bharat Chakravarti (an emperor). भरत चक्रवर्ती के धनुष का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नेत्रोन्मीलन विधि – Netronmeelana Vidhi. A particular kind of ritual procedure of opening the eyes of the idol of Lord Jinendra with the golden-stick especially to be observed in Panchkalyanak Pratishtha on the day of attainment of Kevalgyan (ommiscience). पंचकल्याणक प्रतिष्ठा में झंडारोहण-अंकुरारोपण के समय सर्वण्ह यक्ष की प्रतिमा के नेत्रों को मंत्रपूर्वक स्वर्ण…
तुगवरक A mountain of Bharat kshetra in Arya khand (region). भरतक्षेत्र आर्य खण्ड का एक पर्वत। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शिविका – Shivikaa. A palanquin. पालकी; जो मनुष्यों के द्वारा उठाकर ले जायी जाती वह शिविका कहलाती है, तीर्थंकरों के दीक्षावन जाने के लिए देवों द्वारा स्वर्ग से पालकी लायी जाती है “