निरर्थक!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निरर्थक – Nirarthaka. Useleess, Meaningless. अर्थहीन, जिसका कोई अर्थ नहीं है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निरर्थक – Nirarthaka. Useleess, Meaningless. अर्थहीन, जिसका कोई अर्थ नहीं है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रमणीया – पूर्व विदेह का एक देष, नन्दीष्वर द्वीप की उत्तर दिषा में स्थित एक वापी। Ramaniya-Name of a country, name of a vapi ( like large lake) of nandishvar island
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुरेन्द्रकीति – Surendrakaanta. Name of the 21st city in the north of Vijayardha mountain. नंदिसंघ बलात्कारगण चित्तौड गद्दी के एक भट्टारक नरेन्द्रकीर्ति के षिष्य । समय – वि0 सं0 1722 ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निरंतर – Nirantara. Continuous, constant. नित्य, लगातार होने वाला, सतत, अविच्छिन्न, सदा बना रहने वाला “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगमार्ग – आचार्य सोमदेव द्वारा रचित अध्यात्म विशयक एक ग्रंथ। Yogamarga-name of a treatise written by Acharya Somdev
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पार्श्वकृष्टि – Parsvakrsti. A type of Krishtics (gradual destruction of passions). पहले समय में की गई कृष्टि के समान ही अनुभाग लिये जो नवीन कृष्टि द्वितीयादि समयों में की जाती है, पूर्व कृष्टि के पार्श्व में ही उनका स्थान होने से वह पार्श्व कृष्टि कहलाती हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुमतिसागर (आचार्य) – Sumatisaagara (Aachaarya). Name of Digambar Acharya of 20th Century of the tradition of Aacharya Shantisagar (Chhani). आचार्य श्री शांतिसागर जी छाणी (राज0) की परम्परा में हुए एक आचार्य (समय ई0 20 वीं शताब्दी) ।ये तेरह पंथ आम्नाय के कट्टर समर्थक हुए है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पारलौकिक भय – Parlaukika Bhaya. Fear regarding the next birth (fear of next world). ७ भयों में एक भय; मेरा दुर्गति में जन्म न हो इत्यादी प्रकार से ह्रदय का आकुलित होना “