पद्मनंदि सैद्धातिक!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्मनंदि सैद्धातिक : An Acharya of Nandisamgh Deshiyagan Golacharya Branch. न्ंदिसंघ देशीवगण गोलाचार्य शाखा के एक आचार्य (ई0 श0 993.1043) का नाम ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्मनंदि सैद्धातिक : An Acharya of Nandisamgh Deshiyagan Golacharya Branch. न्ंदिसंघ देशीवगण गोलाचार्य शाखा के एक आचार्य (ई0 श0 993.1043) का नाम ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विद्याभूषण भट्टारक – Vidyabhusana Bhattaraka. Name of a Bhattarak of Nandi group. नंदिसंघ बलात्कारगण नागौर गद्दी के एक भट्टारका त्रिचतुर्विशति विद्यान के कर्ता “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावेंद्रिय – Bhavendriya. See – Bhava Imdriya. देखें – भाव इंद्रिय “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वयंबुद्व – Svayammbuddha. ैमस िमदसपहीजमदमक वदम ;वद जीम चंजी व िेंसअंजपवदद्धए वदम व िजीम 1008 दंउमे व िसवतक त्पेींइीकमअए छंउम व िं उंदजतं व िापदह उंींइंस ;जीम 10जी चंेज इपतजीष्े ेजंजम व िसवतक त्पेींइीकमअद्ध ॅीव ेजतमदहजीमदमक जीम उंींइंस ंइवनज श्रंपद तमसपहपवदण् जो जीव परोपदेष के बिना स्वंय ही मोक्षमार्ग को प्राप्त कर लेते है…
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पदार्थ: Substance, Matter. जिन पदों से अर्थ का बोध हो अर्थात वह जो द्रव्यमय, गुणमय व प्र्यायमय हो, 7 तत्वों में पुण्य-पाप मिलाने से पदार्थ 9 होते है।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] य–Ya. The twenty sixth consonant of the Davanagari syllabary. देवनागरी वर्णमाला का छब्बीसवाँ व्यंजन अक्षर इसका उच्चारण स्थान तालु है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मिथ्या मत–Mithya Mata. Wrong persuasions or doctrines. एकांत पक्ष रूप अभिप्राय, मिथ्यामत363 है, क्रियावादीयो के 180, अक्रियावादियो के 84, अग्यांवादियो के 67 और वैनयिक वादियों के 32 भेद”
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वभावविरुद्वानुपलब्धि हेतु – Svabhaavaviruddhaanupalabdhi Hetu. A type of cause reg. absence of some counter property (opposite to the real one) in a matter. अनुपलब्धि हेतु के प्रतिषेध रुप विरुद्वानुपलब्धि के तीन भेदो मे एक भेद। हर एक पदार्थ नित्य, अनित्य आदि अनेक धर्मवाला है क्योकि नित्यत्व आदि एक धर्म का अभाव है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पदनिक्षेप: Going forward step by step. Meaningful terms related to actuality in the lowest and highest states. एक-एक कदम बढाते हुए चलना पदनिपेक्ष कहलाता है। जो जघन्य और उत्कुष्ट पद विषयक निष्चय में ले जाता है। उसे पदनिक्षेप कहते है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विहायोद्विक –Vihayodvika. A type of dyad pertaining to the praised & non-praised spatial movement. प्रशस्त और अप्रशस्त विहायोगति “