उपरितन कृष्टि!
उपरितन कृष्टि A type of krishti (gradual destruction of passions). चरम द्विचरम आदि कृष्टियों को उपरितन कृष्टि कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपरितन कृष्टि A type of krishti (gradual destruction of passions). चरम द्विचरम आदि कृष्टियों को उपरितन कृष्टि कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्ध – Shuddha. Pure, free from faults, i.e. sins or errors. विशुद्ध, निर्दोष, विमल ” द्रव्य, स्वभाव, परमभाव, परमार्थ तत्व, शुद्ध, परम ये सब एकार्थवाची हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुण्डरीकिणी (देवी तथा वापी) – Pimdarikini (Devi & Vapi) Name of a female deity of Ruchakvardvip (is- land) & mountain, A Vapi (large lake with down steps) of Nandishvardvip (island). रुचकवर द्वीप व पर्वत की दिक्कुमारी देवी एवं नन्दीश्वर द्वीप की वापी का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुचिशाल – Shuchishaala. The 67th chief disciple of Lord Rishadev. भगवान ऋषभदेव के 67 वें गणधर “
एकपर्वा A supernatural knowledge of medicine. एक औषधि विद्या जो नमि, विनमि को देवियों से मिली थी।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपपादयोग स्थान The place of soul before incarnation . योगों का स्थान अर्थात् आत्मा के प्रदेशों का सकंप जो नवीन शरीर धारण करने के पहले समय में होता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुक्र – Shukra . Name of the 87th planet, the 9th heaven and the first Indrak (layer) of shukra heaven. 87वां ग्रह, 9वां स्वर्ग, शुक्र स्वर्ग का प्रथम इन्द्रक “
एकद्रव्य Unitariness in matters. धर्म, अधर्म और आकाश ये तीनों द्रव्य की अपेक्षा एक ही है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपचरित स्वभाव Formal nature. स्वभाव का भी अन्यत्र उपचार करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]