चन्द्रद्रह!
चन्द्रद्रह Name of a Drah (large pond or lake). उत्तरकुरु के दस द्रहों में से दो का नाम चंद्र है, ताला; नील पर्वत से साढ़े पांच सौ योजन दूर नदी के मध्य में स्थित है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चन्द्रद्रह Name of a Drah (large pond or lake). उत्तरकुरु के दस द्रहों में से दो का नाम चंद्र है, ताला; नील पर्वत से साढ़े पांच सौ योजन दूर नदी के मध्य में स्थित है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वदेव – Sarvadeva. Name of the 28th Chief disciple of Lord Rishabhdev. भगवान ऋषभदेव के 28 वें गणधर ।
गृहक्षोभ Name of a dominion (Varsha Ritu Nivas) of Chakravarti (emperor). गृहस्थी से उत्पन्न संक्लेश, राक्षस वंश का एक राजा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
छत्रसेन Name of a Bhattarak of Sen group and an another Acharya. सेन संघ के एक भट्टारक एवं अन्य आचार्य का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वगतत्त्व – Sarvagatatva. State of omnipresence, Pervasion. सर्वज्ञत्वपना ” सर्वव्यापी
गुणश्रेणी आयाम Multiple progression length. गुणश्रेणी के कर्म निषेकों का प्रमाण।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चित्सुखी Name of a Vedant treatise written by वेदान्त स्दाहित्य प्रवर्तक चित्सुखाचार्य (ई.१२५०) द्वारा रचित एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सराग संयम – Saraaga Sanyama. Self control with slight attachment (reg. Jaina-saints). सातावेदनीय कर्म एवं देवायु के आस्त्रव का एक कारणः राग सहित मुनियो का चारित्र। यह छठे से दसवें गुणस्थान तक होता है। इसे क्षायोपशमिक चारित्र कहते है। जहाॅ संज्वलन कषाय व नोकषाय का यथासंभव उदय होता है।
गतिमार्गणा Investigation of beings in different body forms. चार गतियों में जीवों की खोज, इनमें सर्व संसारी जीव मिल जावेंगे ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चित्र A picture, A painting, Sketch, Name of a Jain temple in Nandan forest of Meru mountain and an another mountain. चित्तशक्ति या अनुभव का नाम चित्त है , वह चित्त ही जिसका त्राण या रक्षण है , उसे चित्र कहते हैं मेरू के नंदनवन में एक जिनमन्दिर का नाम , सीता के पूर्व तट…