ग्राह्य-ग्राहक भाव!
ग्राह्य-ग्राहक भाव Sentimentally acceptance of matters. भावेंद्रिया के द्वारा ग्रहण किए गए इन्द्रियों के विषयभूत पदार्थ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ग्राह्य-ग्राहक भाव Sentimentally acceptance of matters. भावेंद्रिया के द्वारा ग्रहण किए गए इन्द्रियों के विषयभूत पदार्थ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाहुयुध्द – Bahuyuddha. Combat, a non – violenceful fighting with the strength of arms between two person. दो वक्तियों के बीच भुजाओं से होने वाला युद्ध ” यह अहिंसक युद्ध युग की आदि मे सबसे पहले भगवान ऋषभदेव के पुत्र भरत – बाहुबली के बीच में हुआ था “
चरू Naivedya (edible articles), an offering article of worshipping. पूजा का एक द्रव्य, नैवेद्य।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मधुमास – Madhumasa. Spring season. बसंत ऋतु (चैत्र एवं वैशाख ये दो मास बसंत ऋतु के कहलाते हैं) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लधुषंका – मूत्रोत्सर्ग, लघु व दीर्घ षंका जाने के बाद प्रायष्चित के रूप 25 उच्छ्वास का कायोत्सर्ग किया जाता है। Laghusamka-Urination
चंद्रभागा The present Chinab river of Punjab. पंजाब की वर्तमान चिनाब नदी ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मत्स्ययुगल – Matsyayugala. A pair of fish – a dream seen by mother of Tirthankar (Jaina- Lord). तीर्थंकर की माता के 16 स्वप्नों में एक स्वप्न ; मछलियों का एक जोड़ा “
चक्रवर्ती Universal monarch, world conqueror, emperor. चक्ररत्न का स्वामी . यह षट्खण्डाधिपति , दिग्विजई, ३२ हजार राजाओं का अधिराजा , १४ रत्नों , ९ निधियों का तेजस्वी अधिपति होता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मणिकेतु – Maniketu. The name of a very small comet & of a deity. एक बहुत छोटा पुच्छल तारा , एक देव जिसने स्वर्ग में की गई प्रतिज्ञानुसार युक्ति पूर्वक सगर चक्रवर्ती के पास जाकर उन्हें वैराग्य धारण कराया था “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] याज्ञिक मत – संसारी जीव की कभी मुक्ति नहीे होती ऐसा मानने वाला मत। Yajnika Mata-A doctrine believing no salvation of worldly beings