शास्त्रार्थ!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शास्त्रार्थ – Shaastraartha. Religious interpretation or a doctrinal debate. वाद, धर्म प्रभावना के अर्थ में किया जाने वाला वाद “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शास्त्रार्थ – Shaastraartha. Religious interpretation or a doctrinal debate. वाद, धर्म प्रभावना के अर्थ में किया जाने वाला वाद “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय व्रत – Nishchaya Vrata. Self realization, the super character of one. शील अर्थात् अपनी आत्मा से अपनी आत्मा में प्रवृति करना “
उपरितन स्थिति Position of upper specific karmic aggregation. ऊपर की स्थिति संबंधी निशेकों की उपरितन स्थिति कहते है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शालवन – Shaalavana. The initiation forest of Lord dharmanath. तीर्थंकर धर्मनाथ के दीक्षा वन का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय पूजा – Nishchaya Poojaa. To acieve the super knowledge of self. मुनि अवस्था में “जो परमात्मा है वह ही मै हूँ तथा जो स्वानुभवगम्य मै हूँ वही परमात्मा है, इसीलिए मै ही मेरे द्वारा उपासना के योग्य हूँ” ऐसा विचार करना ” अर्थात् आत्मा के ध्यान में एकाग्र हो जाना “
उपरिमग्रैवेयक An upper most spatial region of a Graiveyaks. 9 गैवेयक में ऊपर के 3 सुमनस, सोमनस, प्रीतिंकर विमान।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपादेयबुद्धि Useful right knowledge . सम्यग्दृष्टि हेय को छोड़कर ग्रहण करने योग्य पदार्थ को ग्रहण करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपपत्ति Evolution, Origination, Demonstration. आविर्भाव कारण हेतु प्राप्ति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लौकिक शरण –Laukika Sharan The worldly shelter of powerful one(i.e. God ,ruler etc.). राजा ,देवता आदि की शरण “जीव ,अजीव ,मिश्र इसके तीन भेद हैं “
उपकल्कि Rebellious kings who act against religion. अवसर्पिणी के पंचम काल में प्रत्येक एक हजार वर्ष के बाद एक-एक कल्की तथा 500 वर्ष के बाद एक-एक उपकल्की जन्म लेता है ये धर्मद्रोही राजा होते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]