भविता!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भविता – Bhavita. Name of a Ganini Aryika in the assembly of Lord Kunthunath. कुन्थुनाथ भगवान के समवशरण की मुख्य आर्यिका (गणिनी) का नाम “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भविता – Bhavita. Name of a Ganini Aryika in the assembly of Lord Kunthunath. कुन्थुनाथ भगवान के समवशरण की मुख्य आर्यिका (गणिनी) का नाम “
जयंत Name of an ‘Anuttar’ heaven, Name of a summit of Ruchak mountain, A door of Jambudvip (an island), Cities in the north & south of Vijayardh mountain, Name of a planet and a demigod. एक अनुत्तर स्वर्ग का नाम , रूचक पर्वत का एक कूट , जम्बूद्वीप की जगती का द्वार , विजयार्ध की…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] भृकुटी:scowl, a frowning look. तनी भौंह, क्रोध पूर्ण मुखाकृति ” जिन प्रतिमाओंकी भकुटीर हित मुखाकृति क्रोध केअभाव का सूचक होती है “
तत्ववती धारणा Auspicious conceptual meditation with contem-plation. पिंडस्थ ध्यान की एक धारणा जिसमें अपनी आत्मा को अतिशय युक्त, सिंहासन पर आरूढ,कल्याण की महिमा सहित देव, दानव धरणेन्द्रादि से पूजित है, ऐसा चिन्तन करना। तत्पश्चात अपने शरीर में प्राप्त आठों कर्मो से रहित निर्मनल पुरूषाकार आत्मा का चिंतवन करना। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भट्टाकलंक – Bhattaakalamka. See- Bhatta Akalamka. देखें – भट्ट अकलंक “
उद्योत शुद्धि Careful act of walking (in day light). सूर्य के प्रकाश में जब साफ भूमि दिखने लगे तब मुनि 4 हाथ भूमि देखकर चलते हैं इसे ही उद्योतशुद्धि कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैराग्य भावना –VAiragya Bhavana Emotions of the aversion from worldly life. वैराग्य की कारणभूत भवनाये ” जगत, शरीर, भोग के स्वरूप का बारबार चिंतन करना “
गोत्र कर्म प्रकृति Status determining Karmas. जिस कर्म के उदय से जीव उच्च और नीच कहा जाता है या उच्च-नीच कुल में उत्पन्न होता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ऐलक A loin-clothed Jaina saint. जैन संत जो मात्र एक वस्त्र (लंगोट) धारण करते हैं केषलोच करते हैं एंव पिच्छी- कमण्डलु रखते है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]