देवकीर्ति!
देवकीर्ति An Acharya; disciple of Anantveerya. आचार्य ई. 990-1040 में अनंतवीर्य के शिष्य व गुणकीर्ति के सहधर्मा थे। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
देवकीर्ति An Acharya; disciple of Anantveerya. आचार्य ई. 990-1040 में अनंतवीर्य के शिष्य व गुणकीर्ति के सहधर्मा थे। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
जघन्य असंख्यात A transcendental number (a mathematical term). जघन्य युक्तासंख्येय का द्वितीय वर्ग२ ; अलौकिक संख्या की अपेक्षा सहनानी।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
डाँस A type of listeners of low category (creating disturbances). श्रोताः जो उपदेश तो बिल्कुल ही ग्रहण न करें परन्तु सारी सभा को डाँस (मच्छर) के समान व्याकुल कर दें।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
दृष्टिविष ऋद्धि A type of supernatural power (reg. a look causing curse). जिसके बल से रोषयुक्त हृदय वाले महर्षि के द्वारा देखा गया जीव सर्प द्वारा काटे गये के समान मर जाता है। जैन साधु इस ऋद्धि का कभी उपयोग नहीं करते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
ढ The fourteenth consonant of the Devanagari syllabary. देवनागरी लिपि का चौदहवाँ व्यंजन अक्षर, इसका उच्चारण स्थान मूर्धा है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विपर्यय ज्ञान – Viparyaya Jnana. Wrong knowledge or faith. एक पक्ष का निश्चय करने वाले विपरीत ज्ञान को विपर्यय कहते हैं ” जैसे – सीप में ‘यह चांदी है’ इस प्रकार का ज्ञान होना “
तथाकार Assent of the instructions of Lord Arihant. समाचार का एक भेदः जीवादि का परम्पराा से चला आया उपदेश और सूत्रादि – इनमें जो अर्हंत ने कहा वह सत्य है, ऐसा समझना। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
दूरभव्य False believers. मिथ्यादृष्टि जीव, जो बहुत ज्यादा काल में मुक्त होते है अर्थात् जो आगे जाकर ये स्वीकार करेंगे कि केवली भगवान् का सुख सर्व सुखों में उत्कृष्ट है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीरचर्या –Vircarya. Strict and pure conduct of Jaina saints. निग्रन्थ मुनि की निर्दोष चर्या अथार्त कठोर आचरण “