पुष्पगंधी!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुष्पगंधी – Puspagamdhi. Name of the chief female divinity of peripatetic Indra Atikay. महोरग जाति के व्यंतरो के इन्द्र अतिकाय की वल्लभिका देवी “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुष्पगंधी – Puspagamdhi. Name of the chief female divinity of peripatetic Indra Atikay. महोरग जाति के व्यंतरो के इन्द्र अतिकाय की वल्लभिका देवी “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नचतुश्टय – बलभद्र के चार रत्न, रत्नमाला, गदा हल और मूसल Ratnacatustaya-Four jewels of Balbhadra
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुरुषार्थसिध्दयुपाय – Purusarthasiddhayupaya. A book written by Acharya Amritchandra. आचार्य अमृतचन्द्र (ई. ९०५-९५५) द्वारा रचित एक श्रावकाचार एवं अहिंसा की विशेष व्याख्या करने वाला संस्कृत ग्रंथ, यह श्रावक एवं साधुओं द्वारा अवश्य पठनीय है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाहुयुध्द – Bahuyuddha. Combat, a non – violenceful fighting with the strength of arms between two person. दो वक्तियों के बीच भुजाओं से होने वाला युद्ध ” यह अहिंसक युद्ध युग की आदि मे सबसे पहले भगवान ऋषभदेव के पुत्र भरत – बाहुबली के बीच में हुआ था “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुरालेख – Puralekha. Epigraphy; an archive, the study of inscriptions. शिलालेख विघा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लधुषंका – मूत्रोत्सर्ग, लघु व दीर्घ षंका जाने के बाद प्रायष्चित के रूप 25 उच्छ्वास का कायोत्सर्ग किया जाता है। Laghusamka-Urination
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रणय – Pranaya. Love, loving entearty. ब्राह्य पदार्थों में ममत्वरूप भाव का होना ” प्रेम, स्नेह, घनिष्ठता “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भिन्न कर्त्ता कर्म – Bhinna Kartta Karma. A relation between doer and done work. व्यावहारिक द्रष्टि से कर्ता – कर्म भिन्न हैं किन्तु निश्चय से वस्तु विचार करने पर कर्ता- कर्म अभिन्न हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] याज्ञिक मत – संसारी जीव की कभी मुक्ति नहीे होती ऐसा मानने वाला मत। Yajnika Mata-A doctrine believing no salvation of worldly beings
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योग्यता – अपने आवरण अर्थात ज्ञान को ढकने वाले कर्म के क्षयोपक्षम को योग्यता कहते है अर्थात सामथ्र्य ज्ञान की अनुरूपता। Yogyata-talent, capability, Competency, Qualification