पुनर्वसु!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुनर्वसु – Punarvasu. Name of a lunar. २७ नक्षत्रों में एक नक्षत्र, अभिनन्द्ननाथ भगवान के गर्भ एवं जन्म नक्षत्र का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुनर्वसु – Punarvasu. Name of a lunar. २७ नक्षत्रों में एक नक्षत्र, अभिनन्द्ननाथ भगवान के गर्भ एवं जन्म नक्षत्र का नाम “
तुटिक A great mathematical quantity. तुट्यंग में 84 लाख का गुणा करने से प्रापत संख्या । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == ज्ञानी : == केवलसत्तिसहावो, सोहं इदि चिंतए णाणी। —नियमसार : ९६ ‘मैं केवल—शक्ति स्वरूप हूँ’—ज्ञानी ऐसा िंचतन करे। जह कणयमग्गितवियं पि, कणयभावं ण तं परिच्चयइ। तह कम्मोदयतविदो, ण जहदि णाणी दु णाणित्तं।। —समयसार : १८४ जिस प्रकार स्वर्ण अग्नि से तप्त होने पर भी अपने स्वर्णत्व को नहीं…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुद्गलयुति – Pudgalayuti. Assemblage of matters. द्र्व्ययुती का एक भेद; एक स्थान पर पुद्गलों का मिलना “
तित्तिणदा A type of infraction, to become garrulous. अतिचार का एमक भेद रस में आसक्त होना और वाचाल होना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == स्यद्वाद : == सप्तैव भवन्ति भंगा, प्रमाणनयदुर्नयभेदयुक्ता अपि। स्यात् सापेक्षं प्रमाण:, नयेन नया दुर्नया निरपेक्षा:।। —समणसुत्त : ७१६ (अनेकान्तात्मक वस्तु की सापेक्षता के प्रतिपादन में प्रत्येक वाक्य के साथ ‘स्यात्’ लगाकर कथन करना स्याद्वाद का लक्षण है।) इस न्याय में प्रमाण, नय और दुर्नय के भेद से युक्त…
तिलकदान विधि A particular kind of ritual procedure of putting special saffrom paste at the navel-place of the idol of Lord Jinendra with a golden-stick especially at the day of Kevalgyan Kalyanak (day of attainment of omniscience) in Panchkalyanak Pratishtha. स्वर्ण सुहागिनी महिला (पति के साथ गठबंधन करके) के द्वारा घिसे गये कल्कचूर्ण से पंचकल्याणक…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यक्ति –Vyakti Person, one that can be described or expressed. मनुष्य, जो व्यक्त होता हैं उसे व्यक्ति कहते हैं (अपरनाम अभिव्यक्ति ) “
तिर्यक् आयत चतुरस्र Tiryak Åyåta Caturasra. Cuboid. धन । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]