वरदत्त!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वरदत्त – Varadatta: Name of the first chief disciple of Lord Neminath. तीर्थंकर नेमिनाथ के प्रथम गणधर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वरदत्त – Varadatta: Name of the first chief disciple of Lord Neminath. तीर्थंकर नेमिनाथ के प्रथम गणधर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] न्यायकुमुदचंद्रिका – Nyaayakumudachandrikaa. Name of a commentry book written by Acharya Prabhachandra. आचार्य प्रभाचन्द्र (ई. 950-1020) कृत लघीस्त्रय न्याय टीका “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यमकगिरी–Yamakgiri. See – Yamak. देखे–यमक” गोल, उचाई 1000 योजन, नीचे की चौड़ाई 1000योजन, ऊपर की चौड़ाई 500 योजन” इन पर इसी नाम के धारक देव रहते है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वनखंड – Vanakhand : Forest. जंगल अथवा भद्रशाल आदि वनों को भी वनखंड संज्ञा है जो कि बहुत सुन्दर बगीचे हैं “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == स्नेह : == नियलेहि पुरिओ च्चिय वच्चइ पुरितो जहिच्छियं देसं। एक्कं पि अंगुलमिणं, न जाइ घणनेह—पडिबद्धो।। —पउमचरिउ : ५६९ जंजीरों से बंधा हुआ मनुष्य इच्छानुसार देश में जा सकता है, पर घने स्नेह से जकड़ा हुआ मनुष्य एक अंगुल भी नहीं जा सकता।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विमानवासी देव – Vimanavasi Deva. Celestial beings who live in Vimans of 16 heav-ens. वैमानिक देव, जो विमानों में रहते हैं और अपने को पुण्यशाली समझते हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यतिक्रम – Vyatikrama. Transgression, Crossing the barriers of vows with passional longings. उल्लंघन, अतिक्रमण ” शील व्रतों का उल्लंघन या विषयों की अभिलाषा करना व्यतिक्रम कहलाता हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विमोह – Vimoha. Confusion, bewilderment. परस्पर सापेक्ष द्रव्यार्थिक, पर्यायार्थिक नयों के अनुसार द्रव्य, गुण, पर्याय आदि को नहीं जान पाना विमोह कहलाता है ” अथवा शाक्य – बुध्द आदि द्वारा कथित वस्तु में निश्चय करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भगवती – Bhagavati. A type of super power, Other name of Jaina – initiation. बहुरुपविधायिनी एक विघा ” जिन दीक्षा को भी भगवती दीक्षा कहते हैं “