दयादत्ति!
दयादत्ति To be kindful to others. अनुग्रह करने योग्य प्राणियों के समूह पर दयापूर्वक मन, वचन, काय की शुद्धि के साथ उनके भय को दूर करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दयादत्ति To be kindful to others. अनुग्रह करने योग्य प्राणियों के समूह पर दयापूर्वक मन, वचन, काय की शुद्धि के साथ उनके भय को दूर करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रिषष्टि कर्म प्रकृति Sixty three types of Karmic nature (which are destroyed by Lord Arihant). 63 कर्म प्रकृतियां ,जिनके नाश से अरहंत परमेष्ठी होते है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिश्रुति – Pratishruti. Name of the 1st kulkar (ethical founder). भरतक्षेत्र के प्रथम कुलकर थे, सूर्य चंद्रमा को देखकर-भयभीत हुए लोगों के भय को इन्होंने दूर किया था “
दिक्कुमारी Eight particular female deities who come to serve the mother of Tirthankars (Jaina-Lords). श्री, ह्री, घृति, कीर्ति , बुद्धि, लक्ष्मी, शांति और पुष्टी से आठ दिक्कुमारी देवियाँ हैं जो तीर्थंकर माता की सेवा करने के लिए आती है (प्रतिष्ठा तिलक के आधार से)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिलोम क्रम – Pratiloma Krama. Inverse order. विपरीत क्रम, विशेष की मुख्यता और सामान्य की गौणता करने से जो अस्ति-नास्ति रूप वस्तु प्रतिपादित होती है उसे प्रतिलोम क्रम कहते हैं “
त्रिवर्णाचार A book written by Somdeva Bhattarak. सोमदेव भाट्ठारक (ई. 1610) कृत पूजा- अभिषेक, सूतक- पातक आदि विषयक ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिमा विज्ञान – Pratimaa Vigyaan. Iconography. प्रतिमा (मूर्ति) के नाप तौल आदि की जानकारी “
चतुर्दश पूर्वित्व A type of supernatural power possessed by great saints (Shrut Kevalis). एक प्रकार की ऋद्धि. द्वादशांग श्रुतज्ञान को धारण करने वाले महर्षि अर्थात् श्रुतकेवली इस ऋद्धि के धारी होते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिभाग – Pratibhaaga. Division, portion. प्रत्येक भाग, हिस्सा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संरंभ – Sanranbha. Resolution for some activity. जीवाधिकरण का एक भेद; कार्य करने का संकल्प करना “