पदसमास!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पदसमास: A part of scriptural knowledge (Shrutgyan). श्रुतज्ञान के 20 भेदो मे छठा भेद, इससे पूर्व समास पर्वत समस्त द्वादषांग श्रुत स्थित है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पदसमास: A part of scriptural knowledge (Shrutgyan). श्रुतज्ञान के 20 भेदो मे छठा भेद, इससे पूर्व समास पर्वत समस्त द्वादषांग श्रुत स्थित है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषय विराग – Vishaya Viraga. Renunciation of sensual enjoyments. पाँचों इन्द्रियों के सब शुख की अभिलाषा का त्याग विषय विराग है “
गौड़पाद Spiritual teacher of ‘Shankaracharya’ (a celebrated Hindu ascetic). शंकराचार्य के दादा गुरु . समय -ई. ७८० ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मद्यमयी- Madyamayi. A part of circumference of Sumeru mountain. सुमेरु पर्वत की परिधि के सात भागों में एक भाग “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पत्ति:A part of army. सेना का एक अंग । इसमें एक रथ, एक हाथी, 5 पैदल और तीन घोडे होते है।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मौन व्रत–Maun Vrat. A vow to keep silence. कुछ समय–सीमा विशेष के लिए मौन रखना”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथकत्व वितर्क – Prthaktva Vitarka. First Shukla Dhyan (Absolute Meditation). पहला शुक्ल्ध्यान – यह आठवें से बारहवें गुणस्थान के कुछ भाग तक होता है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मतिज्ञान- Matigyana. Sensory knowledge, perceptual cognition. 5 ज्ञानों में एक ज्ञान ;मन और इन्द्रिय की सहायता से उत्पन्न होने वाला ज्ञान “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पटाशुक :A silky cloth to be tied on the waist. क्मर में बांधा जाने वाला रेषमी वस्त्र
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यमुना–Yamuna. Name of a river of Bharat Kshetra Aryakhand (region). भरतक्षेत्र आर्यखंड में स्थित एक नदी”