धर्ममूढ़ता!
धर्ममूढ़ता Religious ignorance, silliness. लोकमूढ़ता ; धर्मलाभ मानकर नदी-समुद्र आदि में स्नान करना,बालु, पत्थर आदि का ढेर लगाना, पर्वत से गिरना, अग्नि में जलना आदि। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
धर्ममूढ़ता Religious ignorance, silliness. लोकमूढ़ता ; धर्मलाभ मानकर नदी-समुद्र आदि में स्नान करना,बालु, पत्थर आदि का ढेर लगाना, पर्वत से गिरना, अग्नि में जलना आदि। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुष्पसेन – Puspasena. Name of a Digambar Acharya, the preceptor of Vadeebh Singh, Name of a poet. एक दिगम्बर आचार्य (ई. ७२०-७८०) एवं छत्रचूड़ामणि के कर्ता वादीभ सिंह के गुरु, कवि; द्विसंधान, सप्तसंधान काव्य टीका के कर्ता “
धर्मंधर Name of the writer of ‘Nagkumar Charit’ and ‘Shreepal Charit’. नागकुमार चरित्र तथा श्रीपाल चरित्र के रचयिता।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुष्पगंधी – Puspagamdhi. Name of the chief female divinity of peripatetic Indra Atikay. महोरग जाति के व्यंतरो के इन्द्र अतिकाय की वल्लभिका देवी “
धर्म Religion, Daily observances of religious rites. ‘‘उत्तमे सुखे धरतीति धर्म’’ अर्थात् जो प्राणियों को उत्तम सुख में पहुँचा दें, उपासना करना, सत्कर्म। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुरुषार्थसिध्दयुपाय – Purusarthasiddhayupaya. A book written by Acharya Amritchandra. आचार्य अमृतचन्द्र (ई. ९०५-९५५) द्वारा रचित एक श्रावकाचार एवं अहिंसा की विशेष व्याख्या करने वाला संस्कृत ग्रंथ, यह श्रावक एवं साधुओं द्वारा अवश्य पठनीय है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुरालेख – Puralekha. Epigraphy; an archive, the study of inscriptions. शिलालेख विघा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रणय – Pranaya. Love, loving entearty. ब्राह्य पदार्थों में ममत्वरूप भाव का होना ” प्रेम, स्नेह, घनिष्ठता “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव – निर्जरा – Bhava Nirjara. Attributing Nirjara, volitional shedding off or volitional dissociation of Karmas. कर्मशक्ति के निर्मूलन में समर्थ जीव के परिणाम भाव निर्जरा है ” अर्थात् जिन भावों से कर्म झड़ें “