रत्नत्रयविघान!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नत्रयविघान – एक पूजा ग्रथ जिस पर पं आषाघर (इ्र, 1173 – 1243) ने सेस्क्रत में टीका लिखी है। Ratnatrayavidhana- Name of a worshipping book
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नत्रयविघान – एक पूजा ग्रथ जिस पर पं आषाघर (इ्र, 1173 – 1243) ने सेस्क्रत में टीका लिखी है। Ratnatrayavidhana- Name of a worshipping book
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सापराध – Saaparaadha. Offender, guilty, one at fault. अपराधी ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगेन्दु देव – परमात्मप्रकाष योगसार, अध्यात्मसंदोह दोहापाहुड सुभाशित तं़त्र नौकार श्रावकाचार आदि संस्कृत अपभ्रंष ग्रंथों के रचियता एक दिगम्बराचार्य। समय ई ष – 6 Yogemdu Deva-Name of a great digambar, Acharya saint
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमेष्ठीगुण व्रत:A type of vow ( related to virtues of Parmeshthis).प्ंच परमेष्ठी के कुल 143 गूुणों के विषेष तिथियों में उपवास एवं नमस्कार मंत्र का त्रिकाल जाप्य करना ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रति – नोकशाय का एक भेद; जिसके उदय से विशय में प्रीति हो Rati- sensual, pleasure, passion, love
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लगड षयासन तप – कायक्लेष तप का एक भेद, षरीर को संकुचित करना। Lagada sayyasana tapa-A kind of austerity, sleeping with Shrunk limbs
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साधारण कायिक जीव – Saadhaarana Kaayika Jiiva. Vegetation like common aquatic plant (one sensed beings according to Jaina Philosophy). वनस्पति। जो एक शरीर बहुत जीवों का होता है वह साधारण शरीर कहलाता है। ऐसा साधारण शरीर जिन जीवों का होता है वे साधारण जीव कहलाते है। साधारण शरीर में रहने वाले सभी जीवों का…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लघुभाशा – 700 क्षुद्र भाशा। अरिहंत भगवान की दिव्यध्वनि 718 भाशाओ मंे खिरती है जिसमें से 18 भाशाएं व 700 लघु भाशाएं होती है। Laghubhasa-Regional language or dialect (about 700 in numbers)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सात्विक दान – Saatvika Daana. Right donation. जिस दान से अतिथि का हित हो, जिसमे सुपात्र का निरीक्षण स्वयं दाता के द्वारा किया गया हो और दाता मे श्रद्वा आदि समस्तगुण हो वह सात्तिव-दान है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लक्ष्मण पुरी – वर्तमान लखनउ। Laksmanapuri-The old name of the present Lucknow