देवायु कर्म!
देवायु कर्म Celestial life-span Karma, Celestial Longevity determining Karma. आयु कर्म का एक भेद जिसके उदय से जीव निश्चित समय तक देव शरीर में रूका रहे।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
देवायु कर्म Celestial life-span Karma, Celestial Longevity determining Karma. आयु कर्म का एक भेद जिसके उदय से जीव निश्चित समय तक देव शरीर में रूका रहे।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वज्रधर –Vajradhara. Name of the 11th Tirthankar(Jain-Lord) of Videh region. विदेह क्षेत्र में स्थित 20 तीर्थंकरों में 11वें तीर्थंकर ” चिन्ह शंख , पिता पद्यरथ एवं माता का नाम सरस्वती है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नेमिनंदि – Neminandi. A Bahttarak (learned person) of Nandi group. नन्दिसंघ बलात्कार गण की ग्वालियर गद्दी के एक भट्टरक (वि. 1223) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शीतलप्रसाद – Sheetalaprasaada. Name of a great celibate, the commentator of great treatise, Samaysar. समयसार की भाषा टीका के कर्ता एक आध्यात्मिक विद्वान् (ब्रह्मचारी) ” समय – ई. 1878-1948 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नृत्यगान – Nrityagaana. To worship Lord with singing & dancing. नाच-गान के साथ देव पूजा आदि करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नील कूट – Neela Kuta. Name of a summit of Neel mountain. नील कुलाचल के 9 कूटों में दूसरा कूट “
उपशमावली Subsidential time (the smallest). जिस आवली में कर्म का उपशम हो।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शिवदत्त – Shivadatta. Name of a great Acharya. भगवान महावीर की आचार्य परम्परा में लोहाचार्य के पश्चात हुए चार आचार्यों में तीसरे आचार्य ” समय- ई. 38-58 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचन वंदना –Vachan Vandanaa: Expressing reverential greetings by speech. साधुओं का एक कृतिकर्म; पंच परमेष्ठी के गुणों का वचनों के द्वारा महत्व प्रगट करना “