लवणसागर!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लवणसागर – मध्यलोक का प्रथम सागर खारे जल वाला होने से इसका नाम लवणोदधि है। Lavanasagara- The first ocean of middle universe, containing salty water
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लवणसागर – मध्यलोक का प्रथम सागर खारे जल वाला होने से इसका नाम लवणोदधि है। Lavanasagara- The first ocean of middle universe, containing salty water
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वित्तसार – Vittasaara.: Name of a treatise written in Apabhransh language. श्रावक एवं मुनि धर्म सम्बन्धी अपभ्रंश भाषा का ग्रन्थ (ई.श. 15) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सनत्कुमार देव – Sanatkumaara Deva. Name of the Indra of third heaven (Sanatkumar). तीसरे सनत्कुमार स्वर्ग के इन्द्र ये भगवान के जन्मकल्याणक मे माहेन्द्र इन्द्र के साथ चंवर ढुराते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लब्धिसंवेग संम्पन्नता – तीर्थकर कर्मबंध का छठा कारण रत्नत्रय जनित हर्श का नाम लब्धिसंवेग है। Labdhisamvega Sampannata-A kind of super enjoyment pertaining to Tirthankar (Jaina-Lord)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजयार्ध – Vijayaardha.: Name of a great mountain (in Jain philosophy). भरत और ऐरावत क्षेत्र के मध्य स्थित एक पर्वत,चक्रवर्ती के विजय-क्षेत्र की आधी सीमा इसी पर्वत से निर्धारित होती है,इसीलिए इसे विजयार्ध कहते है “इस पर विद्याधरों का निवास है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंगिनी: Name of a chief Aryika (Ganini) in the Samavasharan (assembly) of Lord Naminath. नमिनाथ भगवान के समव शरण की मुख्य आर्यिका का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सचित्त योनि – Sachitta Yoni. Female genital organ. गुण योनि के 9 भेदों में एक भेद; जीव की उत्पत्ति का सचित्त स्थान “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्धपर्यायार्थिक नय – Shuddhaparyaayaarthika Naya. A standpoint accepting the present form or mode of a substance. सूक्ष्म ऋजुसूत्र नय शुद्धि पर्यायार्थिक नय है, यह अर्थपर्याय को ग्रहण करता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सदगृहित्व क्रिया – Sadgrhitva Kriyaa. A type of auspicious activity, performing religious observances for spirituality. कत्र्रन्वयादि 7 क्रियाओ मे एक क्रिया। सज्जातिपरम स्थान को प्राप्त करने के पश्चात् सद्गृहस्थ रुप द्वितीय परम स्थान की प्राप्ति हेतु गृहस्थ का देव पूजा आदि छः कर्मों का करना, सत्य, शैच, शांति, दम आदि गुणांे से युक्त होना…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विक्रिया ऋद्धिधारी – Vikriyaa Riddhidhaarii.: Saints possessing a supernatural power of transforming body form. विक्रिया ऋद्धि वाले मुनि या इस ऋद्धि वाले मुनियों का संघ जो तीर्थंकर की धर्मसभा में होता है “