नीलगिरि पर्वत के जिनमंदिर व कूट
नीलगिरि पर्वत के जिनमंदिर व कूट णीलगिरि णिसहो पिव उत्तरपासम्मि दोविदेहाणं। णवरि विसेसो अण्णे कूडाणं देवदेविदहणामा२।।२३२७।। सिद्धक्खो णीलक्खो पुव्वविदेहो त्ति सीदकित्तीओ। णारी अवरविदेहो रम्मकणामावदंसणो कूडो।।२३२८।। एदेसु पढमकूडे जििणदभवणं विचित्तरयणमयं। उच्छेहप्पहुदीिह सोमणसि जिणालयसमाणं।।२३२९।। सेसेसुं कूडेसुं वेंतरदेवाण होंति णयरीओ। णयरीसुं पासादा विचित्तरूवा णिरुवमाणा।।२३३०।। वेंतरदेवा सव्वे णियणियकूडाभिधाणसंजुत्ता। बहुपरिवारा दसधणुतुंगा पल्लप्पमाणाऊ।।२३३१।। नीलगिरि पर्वत के जिनमंदिर व कूट दोनों विदेहों…