मंत्र—तंत्र—यंत्र विद्या
मंत्र—तंत्र—यंत्र विद्या आर्यिका श्री सुपार्श्र्वमति माताजी (आर्यिका इन्दुमती संघस्था) जैन धर्म में ध्यानाध्ययनादि का विशेष वर्णन है—उसीप्रकार मंत्र तंत्र और यंत्र का भी विशेष वर्णन है। दृष्टिवाद नामक १२ वें अंग के पांच भेद हैं उसमें चूलिका नामक जो भेद है उसमें चूलिका नामक जो भेद है— उसके जलगता, आकाशगता, स्थलगता, मायागता और रूपगता यह…