तीर्थयात्रा प्र. ५७६ : यात्राओं का जीवन में क्या महत्व है? उत्तर : यात्राओं की जीवन में महती आवश्यकता है। तीर्थों के नाम से अंतरंग सुप्त प्रमाद सिंह गर्जना करता हुआ भाग खड़ा होता है। वीरत्व की ज्योति जागती है, उत्साह के सुमन खिलने लगते हैं। प्रयाण करते ही आनंदधारा छलछलाती-उछलती हुई प्रवाहित होने लगती…
तीर्थयात्रा प्र. ५७६ : यात्राओं का जीवन में क्या महत्व है? उत्तर : यात्राओं की जीवन में महती आवश्यकता है। तीर्थों के नाम से अंतरंग सुप्त प्रमाद सिंह गर्जना
संस्कृत व्याकरण क्लास(आर्यिका चंदनामति माताजी द्वारा) जो आप पढ़ चुके हैं पहले उनको पुनः पढने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें………………… https://www.youtube.com/channel/UCVc-t_6ZV0MZA8tcoiYA4ZA https://www.youtube.com/channel/UCVc-t_6ZV0MZA8tcoiYA4ZA
गुरु महिमा द्वारा -आर्यिका सुदृष्टिमति माताजी प्र.३९४ : अंतेवासी किसे कहते हैं? उत्तर : जो गुरु से ज्ञान और चारित्र की शिक्षा प्राप्त करने के अनंतर भी गुरु के जीवनपर्यन्त, उनकी सेवा सुश्रूषा करते हुये उनके चरम सानिध्य में रहकर अनवरत ज्ञान की आराधना करता है, उसे अन्तेवासी कहते हैं प्र. ३९५: जिनकल्पी साधु का…
कर्म का सिद्धांत द्वारा -आर्यिका सुदृष्टिमति माताजी प्रकृति के नियम अटल हैं। उन नियमों में एक है। ऊर्जा का सिद्धांत। इसके अनुसार एक बार उत्पन्त ऊर्जा को नष्ट नहीं किया जा सकता है। ठीक ऐसे ही कर्म का सिद्धांत भी कार्य करता है। एक बार किया गया कर्म बिना फल दिए कभी नष्ट नहीं होता…
Social Implications of Meditatioin Jain scriptures describe four types of meditation artfa sorrowful), roudra (eckel), drama (virtuous), and ceukla (pure). The first two are inauspicious (black) meditation and the last two are auspicious (white) meditation Mahavira propounded to pay attention on auspicious meditation which is conducive to the attainment of liberation and inspired to refraination…
==मच्छर चालीसा== जय मच्छर बलवान उजागर, जय अगणित रोगों के सागर। नगर दूत अतुलित बलधामा, तुमको जीत न पाए रामा। गुप्त रूप घर तुम आ जाते, भीम रूप धर तुम खा जाते। मधुर मधुर खुजलाहट लाते, सबकी देह लाल कर जाते। वैद्य हकीम के तुम रखवाले, हर घर में हो रहने वाले। हो मलेरिया…
ग्रीष्म ऋतु में संतुलित आहार लें ग्रीष्म ऋतु में शरीर को स्वस्थ एवं तंदुरूस्त रखने के लिए संतुलित आहार ही सर्वोत्तम स्रोत है। यूं तो हर ऋतु में ही स्वास्थ्य की ओर विशेष ध्यान रखना चाहिए लेकिन ग्रीष्म ऋतु की तपन और चिलचिलाती धूप से बचने के लिए खान—पान पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।…