वैयावृत्य
वैयावृत्य उषा-बहन! वैयावृत्य किसे कहते हैं? मालती-आचार्य, उपाध्याय आदि दस प्रकार के साधुओं के क्लेश और संक्लेश को दूर करने के लिए जो व्यावृत्त-प्रवृत्त होता है, उसका मन, वचन, काय का जो भी व्यापार-कार्य है वह वैयावृत्य कहलाता है। यह वैयावृत्य एक तप है तथा सोलहकारण भावनाओं मेें से एक भावना है। उषा-यह कौन सा…