अनुपम त्यागमूर्ति पन्नाधाय
अनुपम त्यागमूर्ति पन्नाधाय बनवीर शैया की ओर बढ़ा तथा तलवार के एक ही वार से चंदन को उदयसिंह मान कर उसकी हत्या कर दी और अट्टहास कर यह कहते हुए चला गया कि अब उसके राजसिंहासन पर बैठने के मार्ग में कोई कांटा शेष नहीं रहा। पन्ना का हृदय कराहते हुए चिल्ला उठा, बनवीर तेरे…