महापुराण प्रवचन-२
महापुराण प्रवचन-२ श्रीमते सकलज्ञान, साम्राज्य पदमीयुषे। धर्मचक्रभृते भत्र्रे, नम: संसारभीमुषे।। जिनसेन स्वामी ने कहा है-यह युग का आद्य कथानक बताने वाला इतिहास है। सर्वप्रथम भगवान ऋषभदेव ने जहाँ जन्म लेकर दीक्षा ली वह प्रयाग तीर्थ सर्वभाषामय तीर्थ का उद्भव स्थल है। भरत के प्रश्न पर वृषभसेन गणधर ने अनेक उत्तर बताये उसी परम्परा में भगवान…