जैन गणित में श्रेणी व्यवहार!
जैन गणित में श्रेणी व्यवहार डा. मुकुटबिहारीलाल अग्रवाल (एम.एस.सी.,पी.एच.डी., आगरा) विषय प्रवेश : अंको की श्रेणियो में लोगों की रूचि प्राचीन काल से ही दृष्टिगोचर होती है। वैदिक—साहित्य में अंको के अनेक समुच्चय मिलते हैं, जो समान रूप से बढ़ते हैं। ‘तैत्तिरीय संहिता’ में निम्नलिखित समुच्चय वर्णित हैं— १, ३, ५, ७,……..१९, २१, २३,……९९ २,…