62. श्रावकों की इज्या आदि षट् क्रियाये हैं।
श्रावकों की इज्या आदि षट् क्रियाये हैं। इज्यां वार्तां च दिंत्त च स्वाध्यायं संयमं तपः। श्रुतोपासकसूत्रत्त्वात स तेभ्यः समुपादिशत्।।२४।। भरत ने उन्हें उपासकाध्ययनांग से इज्या, वार्ता,दत्ति, स्वाध्याय, संयम और तप का उपदेश दिया। (आदिपुराण भाग—२ पृ. २४१)