मंगलमंत्र णमोकार!
मंगलमंत्र णमोकार यह सार्वभौम सत्य है कि संसार में प्रत्येक प्राणी सुख चाहता है और दु:ख से भयभीत है—‘जे त्रिभुवन में जीवन अनन्त: सुख चाहे दुखतैं भयवन्त।’ सुखप्राप्ति के उपाय के विषय में विषमता दृष्टिगोचर होती है। जड़वादी भौतिक सामग्री की उपलब्धि में सुख मानता है किन्तु अध्यात्मवादी भौतिक सामाग्रीजन्य सुख को सुखाभास समझकर इच्छाओं…