वृहत्पल्य व्रत विधि जिस किसी ने मनुष्य जन्म प्राप्त करके यदि पल्य विधान नाम का व्रत किया है, वह भव्य है, यह बात निश्चित है। यह व्रत श्रवण मात्र से ही असंख्यात भवों के पापों का नाश कर देता है और तत्काल ही स्वर्गमोक्ष को भी देने वाला है। वृषभदेव भगवान ने पहले इस पल्य…
भ्रूण हत्या नारी समाज पर कलंक है। श्रीमतीरेखा जैन, दिल्ली’ ‘‘काश ! मुझे माँ आने देती, जीवन सफल बनाने देती। दूनिया को चमकाने देती,जीने का एक मौका देती।।’’ मानवीयता का हृास — २१वीं सदी के भारत की सबसे प्रमुख समस्या है— ‘भ्रूण हत्या’ । हमारा भारत देश धर्म प्रधान देश माना जाता है, जहाँ पर…
जैन धर्म की प्राचीनता और स्वतंत्रता के विषय में विभिन्न न्यायालयों के निर्णय जैन धर्म की प्राचीनता और स्वतंत्रता के विषय में समय—समय पर अदालतों में पेश किए गए देश की उच्चतम एवं प्रदेशों की उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों ने निष्पक्ष होकर जैनधर्म के बारे में जो अपने सटीक निर्णय प्रस्तुत किए थे उनकी संक्षिप्त…
पूज्य प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चन्दनामती माताजी का साहित्य पूज्य चन्दनामती जी के इतने सामाजिक अवदानों के साथ ही उनके साहित्यिक अवदान भी कम नहीं हैं यदि हम उनकी कृतियों का मूल्यांकन/समीक्षा करने लग जाये तो एक प्रबन्ध बन जायेगा और वास्तव में आज इस बात की बहुत जरूरत है कि प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चन्दनामती माताजी…
श्री संकटहरण गंधर्वपुरी पार्श्वनाथ तीर्थ —सुरेन्द्र कुमार जैन, गंधर्वपुरी (देवास) म.प्र. जैन तीर्थ गंधर्वपुरी इंदौर-भोपाल मार्ग पर सोनकच्छ नगर से उत्तर में करीब ९ किलोमीटर दूरी पर पक्की सड़क से जुड़ा हुआ छोटी-छोटी विन्ध्याचल की पर्वत श्रेणियों के मध्य स्थित है। इसके पूर्व, उत्तर एवं दक्षिण में विन्ध्याचल पर्वत की श्रेणियाँ हैं, तो पश्चिम में…