आर्ष परम्परा में आर्यिका दीक्षा
आर्ष परम्परा में आर्यिका दीक्षा आचार्य विद्यानन्द मुनि आर्षवाद आर्षग्रन्थेषु कथाकोषादिषु स्वरूपं ज्ञातव्यम्। —(आचार्य सिंहनंदि, व्रततिथिनिर्णयम, २५४) आर्ष ग्रंथों अर्थात् ऋषियों एवं मुनियों द्वारा प्रणीत ग्रंथों एवं कथा—कोष आदि के ग्रंथों से स्वरूप का ज्ञान करना चाहिए। भगवान् ऋषभदेव की आर्ष—परम्परा के अनुगामियों को यह बात विचारणीय है कि क्या आर्यिकाओं की दीक्षा आचार्य, उपाध्याय…