23. दशलक्षण धर्म
दशलक्षण धर्म यह भादों मास सभी महीनों, में राजा है उत्तम जग में। यह धर्म हेतु है और अनेक, व्रत रत्नों का सागर सच में।। यह महापर्व है दशलक्षण, दशधर्म मय मंगलकारी। रत्नत्रय निधि को देता है, सोलहकारणमय सुखकारी।। उत्तम क्षमा सब कुछ अपराध सहन करके, भावों से पूर्ण क्षमा करिये। यह उत्तम क्षमा जगन्माता,…