दान
दान स्वपर के अनुग्रह के लिए धन का त्याग करना दान है। दान के चार भेद हैं-आहारदान, ज्ञानदान, औषधिदान, अभयदान। उत्तम आदि पात्रों में इन चारों दानों को देना उत्तम दान है। इस प्रकार से जो गृहस्थ श्रावक नित्यप्रति षट् आवश्यक क्रियाओं को आदरपूर्वक करता है, वह चक्की, उखली, चूल्ही, बुहारी और जल भरना, गृहारम्भ…