चौबीस तीर्थंकर निर्वाणभूमि चालीसा
चौबीस तीर्थंकर निर्वाणभूमि चालीसा दोहा चौबीस तीर्थंकर नमूँ, नमूँ सिद्ध भगवान|जहां-जहां से मुक्त हो,पाया सिद्धस्थान ||१|| चालीसा निर्वाणथल , का कहकर ये चाह |शीघ्र मिले निर्वाणश्री,आत्मा सिद्ध कहाय ||२|| चौपाई तीर्थ अयोध्या जन्मभूमि है, जन्में वहाँ अनंतों जिन हैं ||१|| गिरि सम्मेदशिखर मनभावन, तीर्थंकर का मोक्ष सुपावन ||२|| वर्तमान हुण्डावसर्पिणी, साकेता में पांच प्रभू ही...