ऊर्ध्वग्रैवेयक!
ऊर्ध्वग्रैवेयक An upper most spatial region. 16 स्वर्ग से ऊपर नौ ग्रैवेयक में सुमनस सौमनस प्रीतिंकर नाम के विमान।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ऊर्ध्वग्रैवेयक An upper most spatial region. 16 स्वर्ग से ऊपर नौ ग्रैवेयक में सुमनस सौमनस प्रीतिंकर नाम के विमान।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राश्ट्रकूटवंष – जंगतंुग अमोधवर्श आदि राजाओ का वंष। इस वंष का राज्य मालवा प्रदेष में था। राजधानी मान्यखेट थी। Rastrakutavamsa-Name of a dynasty
ऊर्ध्वचय Loss in basic decreasing series. ऊर्ध्वगच्छ में अर्थत् मूल गुणहानि में चय।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नत्रयव्रत – वर्श में 3 बार, भादो, माध चैत्र में विघिपूर्वक षु, 13 से पूर्णिमा तक किया जाने वाला व्रत। Ratnatrayavrata- A particular type of vow or fasting
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हृी – Hriim. One syllabic Mantra (a mystic words), the existence of all twenty four Tirthankars (Jaina Lords) is considered in it. The meditation over it provides the spiritual energy & physical strength. एक अक्षर वाला बीजाक्षर मंत्र। इस मंत्र मे चैबीसो तीर्थकर का अस्तित्व माना गया है। इस मंत्र के ध्यान से शारीरिक…
उर्मिमालिनी A Vibhanga river situated in western Videh (a region). अपर विदेह स्थित एक विभंगा नदी।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ईश्वरसेन Name of an Acharya. नंदिषेण प्रथम के शिष्य एंव नंदिषेण द्वितीय के गुरु।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हेतविुचय – Hetuvicaya. Right contemplation or acceptance of religious path. धर्मध्यान के 10 भेदों मे अंतिम भेद। तर्क का अनुसरण करना और स्याद्वाद्व का आश्रय लेकर समीचीन मार्ग को ग्रहण करना अथवा उसका चिंतन करना।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमानंदविलास:A book written by Pandit Devida.पंडित देवीदास (ई0 1755-1767) कृत एक ग्रंथ ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] युतसिद्ध – दण्ड और दण्डी की भाति जिसमे प्रदेष भिन्नता पायी जाती है। Yutasiddha-combined but having different entities