वाणिज्य!
वाणिज्य – Vaanijya.: Trade, Commerce, Business, an important activity of livelihood. भगवान आदिनाथ द्वारा उपदेशित ष्टकर्मों में एक कर्म; व्यापार द्वारा आजीविका करना “
वाणिज्य – Vaanijya.: Trade, Commerce, Business, an important activity of livelihood. भगवान आदिनाथ द्वारा उपदेशित ष्टकर्मों में एक कर्म; व्यापार द्वारा आजीविका करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचाश्चर्य – Panchashchry Five spiritual & super wonder. देवकृत रत्नवर्षा, पुष्पवर्षा, गंधोदकवृष्टि, शीतल मंद सुगंधित वायु प्रवाह, दुंदुभि बाजे और अहोदनं अहोदनं की ध्वनी ” यह पंचाश्चर्य वृष्टि तीर्थकर भगवंत एवं विशेष महामुनियों के आहार में देवों द्वारा की जाती है “
दुन्दुभीनाद An auspicious emblem of Lord (sound of kettle-drum). भगवान के आठ प्रातिहार्यों में एक प्रातिहार्य एंव पंचाश्रचर्यवृष्टि में से एक (नगाडे की आवाज)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भविष्यकाल – Bhavisyakala. Future time. काल का एक भेद; अनागत काल , यह सर्व जीव राशि व सर्व पुददगलराशि से अनंतगुणा है “
दुर्दर An infraction of meditative relaxation, A mountain of Bharat Kshetra middle Arya Khand (region). कायोत्सर्ग एंव वंदना का एक अतिचार , भरतक्षेत्र मध्य आर्यखण्ड के मलयगिरि के निकट स्थित एक पर्वत। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यंतर लोक –Vyaintara Loka. The world of peripatetic deities. चित्रा और व्रजा पृथिवी की मध्यसंधि से लगाकर मेरु पर्वत की ऊंचाई तक तथा तिर्यकृ लोक के विस्तार प्रभाव लम्बे – चौड़े क्षेत्र को व्यंतर लोक कहते है जहाँ व्यंतरदेवो के भवन, भवनपुर और आवास होते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचशरीर – Panchashareera. Five specified kinds of bodies having peculiar attributes. ओदारिक, वैक्रियिक, आहारक, तैजस, कार्मण शरीर “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यंत्रपीडन जीविका– Yantrapirana Jivika . Livelihood by milling or crushing oil seeds. तेल निकालने के लिए कोल्हू चलाना या सरसों तिल आदि को कोल्हू में पिलवाना, तिल वगैरह देकर बदले में तेल लेना आदि इस तरह की आजीविका”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचमस्वर – Panchamaswara. Fifth note of vocal sound (like as cuckoo sound). संगीत का एक स्वर; मुख देश में स्थित स्वर (कोयल पंचम स्वर से कूजती है) “