देवशर्मा!
देवशर्मा The 5th chief disciple of Lord Rishabhanath. भगवान ऋषभदेव के 84 गणधरों में से 5वें गणधर का नाम।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
देवशर्मा The 5th chief disciple of Lord Rishabhanath. भगवान ऋषभदेव के 84 गणधरों में से 5वें गणधर का नाम।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
गतिगति-अगति(गुणस्थान प्राप्ति) Probability of getting any body form (Gati) after dying from one spiritual stage (Gunsthan). गुणस्थान से गति सामान्य अर्थात् किस गुणस्थान से मरकर जीव जिस गति में उत्पन्न हो सकता है और किसमें नहीं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पूर्वभाव प्रज्ञापन नय – Poorvabhaava Pragyaapana Naya. See – Poorva Pragyaapana Naya. देखें – पूर्व प्रज्ञापन नय “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पूर्णभद्र (देव) – Poornabhadra (Deva). A type of peripatetic deity of ‘Yaksha jati (caste)’, Name of ruling deity and protecting deity of Purnabhadra summit of Vijayardh and malyavan Gajdant mountains respectively. यक्ष जाति के व्यन्तर देवों (5 क्षेत्रपालों में एक) का एक भेद ” विजयार्ध एवं माल्यवान गजदंत पर्वत स्थित क्रमशः पूर्णभद्र कूट के…
खरदूषण The son of Meghprabh. मेघप्रभ का पुत्र ,रावण की बहन चंद्रनखा को हर कर उससे विवाह किया था । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यतिवर वृषभ–Yativar Vrashabh. Those having supreme attributes of Lord Arihant. जो गणधर देव आदि में भी श्रेष्ठ होते है अर्थात् अर्हंत”
चोरी- बिना दी हुई वस्तु का लेना चोरी स्तेयहै। इस कथन का अभिप्राय है कि बाह्य वस्तु ली जाय या न ली जाय किंतु जहाँ संक्लेशरूप परिणाम के साथ प्रवृति होती है, वहाँ चोरी का दोष लगता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
खेचर जीव Vidyadhar-those proficient in super power by birth, Sky moving beings. विद्याधर मनुष्य ,आकाश में उड़ने वाले नभचर पक्षी आदि । [[श्रेणी:शब्दकोष]]