भेदातीत!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भेदातीत:Similar, without any difference. भेद रहित”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिपाती – Pratipaatee. One falling from the stage of right conduct. सम्यकचारित्र से भ्रष्ट होकर असंयम में आने वाला “
दिव्यभूमि The assembly land of Lord Arihant. स्वाभाविक भूमि से एक हाथ ऊंची समवसरण की भूमि , इसके एक हाथ ऊपर कल्पभूमि होती है। हरिवंशपुराण के आधार से यह व्यवस्था मानी है तथा तिलोयपण्णत्ति में एक हाथ ऊपर से एक- एक हाथ ऊंची बीस हजार सीढि़यां मानी है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिग्रह – Pratigrah. Acceptance, Receiving saints with respectful procedure for food offering. दिगम्बर जैन साधू-साध्वियों को आहार दान हेतु की जाने वाली नवधाभक्ति में से प्रथम भक्ति, जिसमे वर्तमान समय में “हे स्वामिन! ‘अत्र तिष्ठ, आहार जल शुद्ध है,” ऐसा कहकर साधू को आहार हेतु अपने घर मरण पधारने के लिए आह्वान किया जाता…
दृष्टिनिर्विष ऋद्धि A type of supernatural power (making one cured by casting a glance of a saint). जिस ऋद्धि के प्रभाव से प्रसन्नचित्त साधु के द्वारा देखने मात्र से रोग व विष से पीडि़त जीव स्वस्थ और निर्विष हो जाता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दूर प्रकृष्टि Magnetic effect (as a quality), Power of attraction. दूर से खीचना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुष्पचुड – Puspacura. A city in northern Vijayardh mountain. विजयार्ध की उत्तर श्रेणी का एक नगर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुलाक – Pulaka. Saints not following the prescribed procedure completely. निर्ग्रन्थ साधु का एक भेद; जिनके मूलगुणों में कदाचित् दोष लग जाते हैं एवं उत्तरगुणों की भावना से रहित होते हैं तथापि ये भावलिंगी मुनि होते हैं “