बंधअपसरण!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बंधअपसरण-अपकर्शण; बंध का क्रम से घटना बंधापसरण है। BandhaApasarna- Bond reduction
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बंधअपसरण-अपकर्शण; बंध का क्रम से घटना बंधापसरण है। BandhaApasarna- Bond reduction
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूद्र – 88 ग्रहो में एक, तीसरे रूद्र एवं तीसरे नारद का नाम, जिनदीक्षा लेने के उपरान्त संयम भ्रष्ट होकर रौद्र कार्य करने लगते है। ये दसवें विद्यानुवाद पूर्व का अध्ययन करते समय विशयासक्त होकर तप से भ्रष्ट हो जाते है। और नरकगामी होते है।रूद्र 11 होते है। Rudra-name of a planet, Name of…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतवाद – Shrutavaada. Scriptural speech. अंग प्रविष्ट और अंगबाह्या श्रुत का कथन जिस वचन कलाप के द्वारा किया जाता है वह द्रव्यश्रुत श्रुतवाद कहलाता है, श्रुतज्ञान का एक पर्यायवाची नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्कार – Satkaara. Respect, Reverence, Honour, Reception. आदर, सम्मान, विनय, पूजा-प्रशंसा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीशैल – Shreeshaila. The another name of Hanumanji. हनुमान का अपरनाम ” यह नाम हनुमान के शैल-पर्वत में जन्म लेने तथा विमान से गिरकर शिला को खण्ड-खण्ड करने से उनका नाम श्रीशैल रखा गया ” इन्होने मांगीतुंगी के पहाड़ से मोक्ष प्राप्त किया ” मांगीतुंगी के पहाड़ पर इनकी अतिप्राचीन मूर्ती विराजमान है एवं…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्ता-गौण उत्पाद-व्यय ग्राहक नय – Satta-Gauna Utpaada-Vyaya Graahaka Naya. A standpoint emphasizing the property of production & destruction of matterds reather than their permanence. पदार्थ में विद्यमान गुणों की अपेक्षा को मुख्य न करके उत्पाद व्यय ध्रौव्य के आधीनपनें रूप से द्रव्य को विनाश व उत्पत्ति स्वरुप माननेवाला सत्तानिरपेक्ष या सत्ता-गौण उत्पाद-व्यय ग्राहक नय…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगसंक्रमण – योग सक्रान्ति प्रथम षुक्लध्यान में मन वचन काय योगो का पलटना। Yogasamkramana- Transition of all activities (related to mind speech & body) in auspicious & sacred mode