भिन्नपुर्वित्व ऋध्दी!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भिन्नपुर्वित्व ऋध्दी – Bhinnapurvitva Rddhi. A type of super natural power. एक प्रकार की ऋद्धि ” बुद्धि ऋद्धि के दशपुर्वित्व के दो भेदों में एक भेद “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भिन्नपुर्वित्व ऋध्दी – Bhinnapurvitva Rddhi. A type of super natural power. एक प्रकार की ऋद्धि ” बुद्धि ऋद्धि के दशपुर्वित्व के दो भेदों में एक भेद “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भण्डार – Bhandara. Place of storage, store. वस्तु संग्रह का स्थान “
ईषत्संसार World of non-salvated beings but free from birth-death cycle. अर्हंतावस्था या संयोगकेवली की पुनः जन्म न होने से जीवन मुक्त अवस्था एंव अभी मोक्ष न होने से ईषत्संसासर है। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
घृतवार द्वीप सागर The 6th island and ocean of middle universe. मध्यलोक का छठा द्वीप व सागर ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुर -Sura. Ton (of the voice of musical instrument), a tune, A type of deities involved in good deeds. सुरीली ध्वनि, देव, जिनकी अहिंसा आदि के अनुष्ठान में रवि है वे सुर कहलाते है। इनके विपरीत असुर कहलाते है।
णमोंकार धाम Name of a newly built place of pilgrimage situated at Sanavad (M.P.) and constructed on the inspiration of Ganini Shri Gyanmati Mataji. इंदौर (मण्प्रण्) के निकट सनावद में सन् 1996 में गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से एंव क्षुल्लक श्री मोती सागर जी की भावनानुसार उनके ससंघ सानिघ्य में इस तीर्थ…
चारित्रबाल Restraintless or vowless person. अनुव्रत-महाव्रत आदिरूप चारित्र से रहित प्राणी ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यम सूची- Madhyam suchi. See – Madhyama vyaasa. देखें – मध्यम व्यास “
गणधरवलय विधान Name of a worshipping composition composed by Ganini Shri Gyanmati Mataji. ‘णमो जीनाणं’ आदि गणधरवलय मन्त्रों पर आधारित पूज्य गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी द्वारा लिखित एक पूजन विधान ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
घातकृष्टि An evil thought of harming someone in next birth. जिन कृष्टियों का नाश किया हो , उन्हें घातकृष्टि कहते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]