एकपदार्थस्थित्व!
एकपदार्थस्थित्व Contents of a matter, Unified, Indistinct. महासत्ता की अवान्तर सत्ता अर्थात् सर्वपदार्थ स्थित्व का सप्रतिपक्ष धर्म।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
एकपदार्थस्थित्व Contents of a matter, Unified, Indistinct. महासत्ता की अवान्तर सत्ता अर्थात् सर्वपदार्थ स्थित्व का सप्रतिपक्ष धर्म।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ममकार – Mamakara. My-ness , A feeling of mine with worldly objects. आत्मा से भिन्न पर पदार्थों में मेरेपन का भाव ममकार हैं “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुक्तागिरी(तीर्थ)–Muktagiri (Tirtha). Name of a Digambara Jaina place of pilgrimage in Baitul dist. Of Madhya Pradesh from where three and a half crore Munis (saints) got salvation. It’s another name is Medhagiri. मध्य प्रदेश में स्थित सिद्धक्षेत्र; यहा सेसाढ़े तीनकरोड़ मुनि ‘ मोक्ष’ पधारे है, इसेमेढ़ागिरी भी कहते है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुन्नात संघ – Punnata Samgha. A group of Acharyas formed by Acharya Arhadvali. आचार्य अर्हव्दलि द्वारा स्थापित मुनियों के एक संघ का नाम “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सम्यक् दर्शन : == सम्मद्दंसणलंभो वरं खु तेलोक्कलंभादो। —भगवती आराधना : ७४२ सम्यक् दर्शन की प्राप्ति तीन लोक के ऐश्वर्य से भी श्रेष्ठ है। यथार्थतत्त्व श्रद्धा सम्यक्त्वम्। —जैन सिद्धान्त दीपिका : ५-३ जीवादि तत्त्वों की यथार्थश्रद्धा (सम्यक्—विचार) करना सम्यक् दर्शन है। दर्शनभ्रष्टा: भ्रष्टा:, दर्शनभ्रष्टस्य नास्ति निर्वाणम्। सिध्यन्ति चरितभ्रष्टा:,…
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मेघचंद्र–Meghachndra. Name of many Jain Acharyas. कई जैनाचार्य के नाम” नंदिसंघ बलात्कार गण में माणिक्य नंदी के शिष्यतथा शांति कीर्ति के गुरु (समय–शक601–627). नंदिसंघदेशीयगण में सकलचन्द्र के शिष्य वीरनंदी तथाशुभचंद्र के गुरु (समय– ई. 1020–1110)”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुद्गल विपाकी कर्म प्रकृति – Pudgala Vipaki Karma Prakrti. A type of Karmic nature, result of which is related to the body of one (these are 62 in number). जिस कर्म का फल पुद्गल (शरीर) में होता है ऐसी ६२ कर्म प्रकृतियाँ पुद्गल विपाकी हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लाब्धिसम्पन्न ऋषि – सम्यग्दर्षन प्राप्ति का एक निमित लब्धिसम्पन्न ऋशियो का दर्षन। Labdhisampanna Rsi-Super saints, visiting of whom is a cause of right faith
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भास्करश्रवण – Bhaskarasravana. The other name of kumbhkarana. कुंभकर्ण का दूसरा नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुण्यास्त्रवकथाकोष – Punyanubamdhi Punya. A book written by Pandit Ramchandra. ई.श.१३ के मध्यपाद में पं. रामचंद्र द्वारा रचित एक ग्रंथ “